नमस्ते




मुझे हिन्‍दी ब्‍लॉग में आये धीरे-धीरे एक साल होने को है, 30 जून को इस नव संसार में कदम रखा था। तब मुझे नहीं पता था कि ब्लॉग क्या होता है? पर चिठ्ठारिता की माया भी कितनी अजीब है कि आज इसमें मुझे रमा बसा दिया है। किन्तु आज मुझे न चाहते हुये भी इससे दूर होना पड़ रहा है, किंतु दूर होना मेरी जरूरत और मजबूरी दोनों है। जरूरी इसलिए है कि मेरी माता जी का विशेष आग्रह है कि मै इससे एक महीने दूर रहूँ और मजबूरी इस लिये है कि मेरी परीक्षाऐं सन्निकट है, निश्चित रूप से उनका आग्रह मेरी पढ़ाई को लेकर ही है, जो सर्वथा उचित है। मैने आग्रह शब्द का प्रयोग इसलिए किया था क्योंकि उन्होंने आग्रह ही किया था किन्तु मेरी लिऐ उनकी हर बात आदेश के समान है। निश्चित रूप से उनका यह आदेश के लिये एक विषय था यह से हटने का जिसकी मै काफी दिनों से तलाश कर रहा था।


मेरी परीक्षाऐं 22 और 24 जून को है, उसके बाद मै सम्‍भवत: गॉंव के लिये रवाना हो जाऊँगा, और वही बाकी छुट्टियाँ बिताएँगे। कोशिश करूँगा कि जब लौटूँ तो पूरे जोशो खरोश के साथ आपके सम्मुख आऊँ। और न आ सकूँगा तो माफ कीजिएगा। क्योंकि इस समय ब्‍लागिंग का माहौल इतना खराब हो गया है कि वापसी करूँ या न करूँ काफी सोचना विचारना पड़ रहा है। हर समय एक जैसा नही होता है जैसा माहौल जब मै आया था तब जैसा आज नही है। मुझे याद है कि पहले मुझे किसी ब्‍लागर की तरफ से पहला मेल किस प्रकार का मिला था, वह पा कर भी मै खुश था। किन्‍तु आज जो माहौल है इसमें खड़े होने का भी मन नही करता कि लोग मुद्दों पर न रह कर व्यक्तिगत आक्षेपों पर आ जाते है।


ब्लॉगिंग मेरे जीवन का अभिन्न अंग है, इसे छोड़ना मेरे लिये अपने शरीर के महत्वपूर्ण अंग को काटने के समान होगा। पर करना जरूरी है क्योंकि जब शरीर के किसी अंग में सड़न हो जाए तो उस हिस्से को काट देना ही उचित होगा। निश्चित रूप से कुछ ब्‍लागर मुझे बहुत याद आयेंगे जैसे समीर लाल जी, प्रतीक जी, गिरिराज जी, अरुण जी, अफलातून जी सहित बहुत ब्‍लागर याद आयेंगे याद आयेगें। मैने जिनका नाम लिया है उसने मेरा सबसे ज्यादा लगाव रहा है।

समीर जी

यह वही व्यक्तित्व है जो मुझे हर दम, हर पल मेरे साथ रहे है। जब भी मै कोई दिक्कत या व्यक्तिगत परेशानी में होता था तो वह भारतीय समय के अनुसार प्रातः 7 बजे उपलब्‍ध रहते थे। मै दिल खोल कर हर प्रकार की बातें कर दिया करता था। शायद ही मैने ब्‍लागिंग में जो किया उसे उनसे छिपाया हो। काफी दिनों पर मै जब उनसे संपर्क नही करता था तो उनके तरफ से एक मेल आ जाती थी, कैसे हो ? कोई दिक्कत परेशानी? मुझसे नाराजगी है क्‍या ? किन्तु अब उनसे भी दूरी प्रतीत होने लगी है पिछले कई महीनों से उनसे संपर्क नही हुआ, शायद चिट्ठाकारिता मे नये बयार का असर है।


प्रतीक जी

मेरी उम्र का एक सुन्‍दर नौजवान, विभिन्न मुद्दों पर बेबाक राय रखने वाला, इससे भी बाते करके मन को काफी सुकून मिलता था। मेरी कोई भी बात इनसे गोपनीय नही रही।


गिरि‍राज जी

अपने आप मे एक मस्‍त मौला इंसान, हमेशा हँस मुख स्‍वभाव का।


सागर भाई जी

सबसे अलग सबसे जुदा, मुझे डांटने वाले और अपना हक जताने वाले

अफलातून जी

मेरा इनसे परिचय विवाद से ही हुआ था और मैने अपने लेख में काफी कुछ कह दिया था किन्तु बाद में जब चैट के दौरान बात हुई तो मै इसने काफी प्रभावित हुआ। भले ही हमारे विचारों मे मतभेद रहा है किन्तु मनभेद नही हुआ। काफी कुछ सीखने को मिला। दिल सें बात निकलती है कि इंसान हो तो ऐसा।


अरुण अरोड़ा

पंगेबाज के रूप में अरुण जी निश्चित रूप से एक अच्छे इंसान है, पहली बार मेरा परिवार अथवा मित्रों के अलावा किसी नें मुझ पर सर्वाधिक विश्वास किया है, अपनी हर बात मुझसे शेयर की, मुझे अपने सगे छोटे भाई से भी ज्‍यादा प्‍यार दिया, हमेशा मुझे स्नेह देते हुए अपने अमूल्य सुझाव दिये और लिये भी।


यह वे व्‍यक्ति है जिसे मैने सर्वाधिक चैट वार्ता की है, चैट करने वालों मे एक नाम शैलेश जी का भी है पर वह सबसे अलग है। चूकिं मुझे चैटिंग करना कभी भी पसंद नही रहा है। किन्तु जितनों से मैंने बाते की सही में एक नये परिवार का एहसास कराया। अच्छा नमस्ते 




Share:

10 टिप्‍पणियां:

संजय बेंगाणी ने कहा…

लौट के आना बन्धू, हमे भी आपकी याद आएगी.

Udan Tashtari ने कहा…

बात न भी तो भी नजर तो रखे हैं ही!!

:)

परीक्षा के लिये शुभकामनायें. फिर घूम फिर कर नई मुश्तैदी से आओ, हम यहीं इसी मोड़ पर मिलेंगे. :)

बेनामी ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
बेनामी ने कहा…

प्रयास करना कि गाँव में भी कुछ लिखते रहो । शुभकामना ।

संजीव कुमार सिन्‍हा ने कहा…

Abhi to aapse atmiyata badhi thi, aur chand dinon baad judai. achchha nahin lag raha hain man ko.

RC Mishra ने कहा…

सही है, परीक्षा देके, गाँव भी घूम के आओ फ़िर डी एस ए ग्राउन्ड मे आना; अगस्त मे सम्मेलन आयोजित करेन्गे।

Ramashankar ने कहा…

का हो कइसन कहत लाग हया. गांव के बाद तो हेईं अइहा. रही बात परीक्षा केर ता वमा तुम निकहे से सफल रहा या हमार शुभकामना हिबै.

Arun Arora ने कहा…

शुभ कामनाये परिक्षा के लिये,रिचार्ज होने के लिये मौका अच्छा है

विजेंद्र एस विज ने कहा…

परीक्षा के लिये हमारी भी शुभकामनायें बन्धुवर्..इलाहाबाद मे कहाँ पर हो..अगस्त मे शायद आना हो..मिलेगे आपसे..

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

मेरी परीक्षाऐं 22 और 24 जून को है
पर्चा बढ़िया करना. हिन्दी ब्लॉगर्स की इज्जत का सवाल है. शुभकामनायें.