एक सुबह दिल्ली के नाम करने के बाद दिनॉंक 18 को शाम को ही उत्तर सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस से माता बैष्णोरानी के चरणो में सीस नवाने जम्मू की ओर चल दिये। हमारी ट्रेन विलम्ब से करीब 30 मिनट देरी से दिनॉंक 19 को पहुँची, जम्मू तवी स्टेशन से कटरा जाने के लिये अनेको बसे तैयार थी, उन्ही मे से एक बस पर हम भी सवार हो लिये, देखते ही देखते करीब 10 बजे हम कटरा पहुँच गये। वहाँ हमने पहले यात्रा पर्ची बनवायी और फिर महामाई न्यास के धर्मशाला मे ठहरने के लिये चल दिये। वहाँ करीब 1 घन्टे 30 मिनट आराम, विश्राम, स्नान के माता रानी के दर्शन के लिये करीब 11.30 बजे चल दिये।
जम्मू का वातावरण बहुत ही खुशनुमा और मनोहारी थी, मन मे बस एक यही ख्वाहिस हो रही थी कि पृथ्वी के स्वर्ग मे अपना भी आशियाना हो किन्तु नेहरू के पिचालो को कोसने के अलावा हमारे पास कुछ भी न था। छोटे से कस्बे मे बसा कटरा, माता रानी के आशीर्वाद से चहल पहल से रोमांचित कर रहा था। कटरा मे माता के भक्तो का तांता मन मे माता के दर्शन को उतावला कर रहा था। मन मे संशय के कारण कि कैमरा ले जा सकते है या नही इसी कारण कैमरा नही ले गये किन्तु बाद मे पता चला कि कैमरा ले जा सकते है अपितु वह हैड़ीकैम या विडियो कैम न हो। अब दोपहर के 11.45 हो रहे है, अगली कड़ी मे माता रानी के दर्शन का विस्तार दूँगा।
जय माता की
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1 टिप्पणी:
प्रतीक्षा रहेगी।
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