भाजपा की आत्मघाती नीति



भाजपा ने जगदण जीत ली, मोदी जी ने भी बधाई दी...
 गौरतलब हो कि कांग्रेस ने कुंवर जी बावलिया को नेता विपक्ष नही बनाया तो बावलिया ने भाजपा विरोध की नीति त्याग कर मंत्री पद के साथ भाजपा को दिल दे बैठे. गजब की राजनीति है कि जो भाजपा विरोध के लिए नेता विपक्ष के लिए लड़ रहा था वो मंत्री पद के साथ भाजपा के साथ खड़ा है.बावलिया की निष्ठा किसके प्रति मानी जाए, जो बावलिया नेता विपक्ष (भाजपा विरोध का पद) के लिए कांग्रेस छोड़ दिये, उसकी भाजपा पूजा कर रही है, ऐसे लोगो तक के लिए मोदी जी भी ट्वीट कर रहे है.
 
गुजरात की जसदण विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार कुंवरजी बावलिया 19,500 से अधिक मतों से जीत गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अवसर नाकिया को हराया है. नाकिया राजकोट जिला पंचायत के सदस्य हैं, जिन्होंने कांग्रेस में बावलिया के साथ करीब से काम किया था. वह जहां पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं बावलिया विगत में कांग्रेस के टिकट पर पांच बार विधायक रह चुके हैं.
 
प्रभावी कोली समुदाय के नेता बावलिया ने साल 2017 में जसदण सीट कांग्रेस के टिकट पर जीती थी, लेकिन बाद में वह कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. इस कारण इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था. बावलिया ने दो जुलाई को इस्तीफा दिया था और उन्हें उसी दिन भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था.


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अधिवक्ता परिषद् उत्तर प्रदेश



ADHIVAKTA PARISHAD

 
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अधिवक्ता परिषद उ. प्र. का विधि के क्षेत्र में, हिंदू समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए उपयोगिता और प्रांसगिकता ! राष्ट्रीय अधिवेशन के परिपेक्ष में..

एक्जिट पोल टीवी के लिए तो अधिवक्ता परिषद सेमिनार के लिए बहुत ही रोमांचक कार्यक्रम बनाते है..

दोनो की खूबी है कि आज तक कोई नही बोला कि उसे कोई एक्जिट पोल वाला मिला और न कि कोई बोलने को तैयार है अधिवक्ता परिषद की कोई निःशुल्क रिलीफ उसे मिली, किन्तु दोनो का कार्यक्रम प्रजेंटेशशन बड़ा ही धाकड़ होता है जिसका वास्तविकता से कोई सरोकार नही होता है..

वास्तविकता यह है कि एक्जिट पोल के 2 दिन बाद आया मुख्य परिणाम एक्जिट पोल और अधिवक्ता परिषद दोनो की पोल खोल देता है और तय कर देता है कि अगले 5 साल अधिवक्ता परिषद की दुकान खुली रहेगी अथवा बंद.

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2015 में अधिवक्ता परिषद हाईकोर्ट यूनिट के कुछ पदाधिकारियों ने बंगलोर अधिवेशन से दूरी बनाए रखी थी...

वे इस असमंजस में थे कि 2017 के विधानसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा...

लखनऊ से व्हाट्सएप पर परिषद की सुखद स्थिति के रुझान आ रहे है, वे सरकारी फसले भी लखनऊ में लहलहा रही है जो बंगलौर में सूखे के डर बोये जाने से बच रही थी..

ये मौकापरस्ती की फसलें हैं, जो मौसम विज्ञान को ध्यान में रख कर बोये जाने या न बोये जाने का डिसीजन लेती है..

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करीब 1 माह से अधिवक्ताओ के मध्य ऐसी खबर है कि सरकारी वकीलों नई लिस्ट नए साल में आने वाली है...

जो अधिवक्ता राष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिभाग करेगा उसका चयन अगली सरकारी अधिवक्ताओ वाली लिस्ट में जरूर होगा...

कुछ लखनऊ जाने वाले सरकारी और सरकारी अधिवक्ता उम्मीदवारों से बात से लगा कि जो सरकारी वकील नही जाएगा उसका नाम अगली लिस्ट से कट जाएगा..

कहीं न कहीं कट जाने का डर ने आतंक रूप धर लिए जैसा कि नसीरुद्दीन_शाह को हुआ था. अब डर ही है कि जो कभी भुबनेश्वर और बंगलोर अधिवेशन नही गया वह लखनऊ अर्जी डालने पहुंच रहा है..

अब ये बताओ कि जिसने 2012 में भुबनेश्वर और 2015 में बंगलोर के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रतिभाग किया, उसका घंटा कहीं चयन नही हुआ, तो 2018 में क्या लखनऊ सेलेक्शन कमेटी बैठी है जो चयन करेगी?

किसी न किसी का डर दिखा कर कुछ भी करवा लेने वालों की कमी नही, और कुछ पाने के लिए कुछ न कुछ भी कर डालने वालों की कमी नही, बस जरूरत है वही करने की जो जरूरी है, जिसके लिए आप उपयुक्त हो यही आपका हुनर है...

एक_वकील_का_काम_सिर्फ_और_सिर्फ_वकालत_करना_है, कुछ भी करना नही..

आपको अपने हुनर पर भरोसा हो तो डर के आगे जीत है...


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विद्यार्थियों के लिए हिन्दी में निबंध लेखन की बारीकियां - Essay in Hindi



हिन्दी निबंध कैसे लिखें?
निबंध, नि और बंध शब्द से मिलकर बना है यानी जिसे बांधा ना जा सके वही निबंध है। जब भी स्कूलों में प्रतियोगिताएं या परीक्षा होती है निबंध सबसे पहले आता है। कई बार हमें समझ में नहीं आता है कि निबंध कैसे लिखें? हम जानकारी तो एकत्र कर लेते है मगर उसे कैसे व्यवस्थित रूप से सजाएं यह समझ में नहीं आता है। विषय पर सब कुछ आते हुए भी कई बार बहुत सारी जानकारी लिखने की जल्दबाजी में हम अपनी बात को स्पष्टता से नहीं रख पाते हैं और मेहनत करने के बाद भी हमारा प्रतियोगिता में स्थान नहीं आ पाता है। इन छोटी बातों के कारण परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आ पाते हैं। पर निराश होने की आवश्यकता नहीं हैं, हम आपको बताते हैं कि निबंध कैसे लिखा जाता है और एक अच्छे निबंध लेखन के लिए किन बातों का ख्याल रखा जाना जरूरी है। अधिकतर निबंध लेखन शुरूआत होती है पाँचवीं के बाद। निबंध लेखन को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है; पहला पाँचवीं से आठवीं तक और दूसरा आठवीं से दसवीं तक। तो अगर आप पाँचवीं से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थी हैं तो सबसे पहले उन विषयों की सूची बना लें जिन पर आपको निबंध लिखने के लिए आ सकता है। आमतौर पर इस उम्र के विद्यार्थी से अपेक्षा की जाती है कि उसे अपने आसपास की जानकारी हो। वह अपने वातावरण और समाज के प्रति जागरूक हो। उसे अपनी बात कहने का ढंग आता हो। साथ ही वह इधर-उधर का शब्दजाल ना फैलाते हुए सटीक वाक्यों का प्रयोग करना जानता हो। सामान्यतः पांचवीं से लेकर आठवीं तक के बच्चों से ऐसे विषयों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है जिनसे उनका प्रतिदिन सामना होता हो। या जो उनके सामाजिक जीवन से संबंधित हो। 

कैसे करें निबंध लिखने की तैयारी
सबसे पहले जिस विषय को आपने पसंद किया है उस पर अपने विचारों को दिमाग में लाएं, उस पर खूब सोचें। अपने दोस्तों से उस विषय पर चर्चा करें। चर्चा खुले दिमाग से हो मगर याद रहे कि वह बहस ना बनें। आप उस विषय पर जितना जानते हैं उसे एक कागज पर उतार लें। इसका फायदा यह होगा कि दिमाग में एकत्र जानकारी कागज पर आने से दिमाग में अन्य जानकारी के लिए जगह बनेगी। जैसे किसी कागज पर अगर कुछ लिखा है तो उस पर और अधिक नहीं लिखा जा सकता । कागज जब खाली होगा तभी उस पर लिखने की संभावना होगी। उसी तरह दिमाग को भी नई जानकारी के लिए जगह चाहिए। अगर पहले से वहां कुछ जमा है तो नई जानकारी उसके दर्ज नहीं हो पाएगी। जब आप कागज पर अपने विचार लिख लें तब नई किताबों, अखबारों और इंटरनेट से और अधिक जानकारी एकत्र करें।

सारी जानकारी एकत्र हो जाए तब उसे क्रमवार प्रस्तुत करना जरूरी है। जानकारी होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है जानकारी की आकर्षक प्रस्तुति। किसी बात को कहने का सुंदर अंदाज ही आपको सबसे अलग और खास बनाता है। निबंध का एक स्वरूप, ढांचा या सरल शब्दों में कहें तो खाका तैयार करें। सबसे पहले क्या आएगा, उसके बाद और बीच में क्या आएगा और निबंध का अंत कैसे होगा।

निबंध के लिए विषय को चार प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है। सबसे पहले विषय परिचय, जिसे भूमिका या प्रस्तावना कहा जाता है। उसके बाद विषय विस्तार या विषय का विकास, महत्व, विषय से संबंधित आवश्यक पहलू, आंकड़े, सूचना आदि इसमें शामिल होंगे। उसके पक्ष और विपक्ष में विचार, ‍निबंध के केन्द्र में कोई वस्तु है तो उपयोगिता, लाभ-हानि, फायदे-नुकसान आदि लिखे जा सकते हैं।

अगर निबंध किसी महापुरुष पर लिखा जा रहा है उनके बचपन, स्वभाव, महान कार्य, देश व समाज को योगदान, उनके विचार, प्रासंगिकता और अंत में उनके प्रति आपके विचार दिए जा सकते हैं। निबंध के अंत को निष्कर्ष या उपसंहार कहते हैं। यहां आकर आप विषय को इस तरह समेटते हैं कि वह संपूर्ण लगे। कहते हैं 'फर्स्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन'। पहली बार जो प्रभाव पड़ता है वह आखिर तक रहता है। आपको निबंध लिखना है तो महापुरुषों के अनमोल वचन से लेकर कविताएं, शेरो-शायरी, सूक्तियां, चुटकुले, प्रेरक प्रसंग, नवीनतम आंकड़े कंठस्थ होने चाहिए। अपनी बात को कहने का आकर्षक अंदाज अकसर परीक्षक या निर्णायक को लुभाता है। विषय से संबंधित सारगर्भित कहावतों या मुहावरों से भी निबंध का आरंभ किया जा सकता है। विषय को क्रमवार विस्तार देने में ना तो जल्दबाजी करें ना ही देर। निबंध के हर भाग में पर्याप्त जानकारी दें। हर अगला पैरा एक नई जानकारी लेकर आएगा तो पढ़ने वाले की उसमें दिलचस्पी बनी रहेगी।

अनावश्यक विस्तार जहां पढ़ने वाले को चिढ़ा सकता है वहीं अति संक्षेप आपकी अल्प जानकारी का संदेश देगा। अतः शब्द सीमा का विशेष ध्यान रखें। दी गई शब्द सीमा को तोड़ना भी निबंध लेखन की दृष्टि से गलत है। अगर शब्द सीमा ना दी गई हो तो हर प्वाइंट में 40 से 60 शब्दों तक अपनी बात कह देनी चाहिए। अंत भला तो सब भला: जिस तरह आरंभ महत्वपूर्ण है उसी तरह अंत में कहीं गई कोई चुटीली या रोचक बात का भी खासा असर होता है। विषय से संबंधित शायरी या कविता हो तो क्या बात है। अंत यानी निष्कर्ष/उपसंहार में प्रभावशाली बात कहना अनिवार्य है। सारे निबंध का सार उसमें आ जाना चाहिए।

पांचवी कक्षा तक के लिए निबंध के विषय

  1. 26 जनवरी/ गणतंत्र दिवस
  2. महात्मा गांधी
  3. 15 अगस्त/ स्वाधीनता दिवस
  4. आदर्श छात्र
  5. गाय
  6. मेरा कंप्यूटर
  7. मेरा देश महान
  8. मेरा परिवार
  9. मेरा प्रिय खेल
  10. मेरा प्रिय दोस्त
  11. मेरा प्रिय विषय
  12. मेरा यादगार सफर
  13. मेरा विद्यालय
  14. मेरी दिनचर्या
  15. मेरी प्रिय पुस्तक
  16. मेरी प्रिय फिल्म
  17. मेरी यात्रा
  18. मेरे प्रिय शिक्षक
  19. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा
  20. राष्ट्रीय पशु-पक्षी/ प्रतीक चिन्ह
  21. विज्ञान के चमत्कार
  22. समाचार पत्र
  23. हमारा पर्यावरण
  24. हमारे त्योहार -दीपावली/ होली/ दशहरा/ राखी/ बैसाखी/
  25. हिन्दी हमारी राजभाषा

आठवीं कक्षा 8 तक के निबंध के विषय
आठवीं से लेकर दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे देश, विश्व और सम-सामयिक विषयों पर थोड़ा गंभीर किस्म के निबंध लिख सकें। मूलत: इस आयु में चरित्र निर्माण होता है और यही इस आयु के विद्यार्थियों के लेखन में दिखाई देना चाहिए। आठवीं कक्षा के निबंध के विषय: -

  1. अन्ना हजारे
  2. इंटरनेट के फायदे और नुकसान
  3. ग्लोबल वॉर्मिंग जल बचाएं, कल बचाएं
  4. जनसंख्या वृद्धि
  5. तकनीकी प्रगति और भारत
  6. नशाखोरी और देश का युवा
  7. बढ़ते टीवी चैनल्स और हम
  8. भारतीय युवा और जिम्मेदारी
  9. भारतीय युवा और महत्वाकांक्षा
  10. भारतीय राजनीति और भ्रष्टाचार
  11. भ्रष्टाचारमुक्त भारत का सपना
  12. मेरे सपनों का भारत
  13. मोबाइल के फायदे और नुकसान
  14. समाचार पत्र और उनकी जिम्मेदारी


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शिलाजीत के फायदे, आयुर्वेदिक गुण व नुकसान



शिलाजीत के प्रयोग से बढ़ती है यौन शक्ति
आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति पत्थर से हुई है। गर्मी के मौसम में सूर्य की तेज गर्मी से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है। इसी पदार्थ को शिलाजीत कहा जाता है। यह देखने में तारकोल की तरह काला तथा गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले लेता है। यह देखने में काफी कडवा, कसैला, गर्म तथा वीर्यवद्र्धक होता है। शिलाजीत का मुख्य उद्देश्य शरीर का बल देकर उसे स्वस्थ, शक्तिशाली तथा पुष्ट बनाना होता है। शिलाजीत के सूखने पर उसमें गौमूत्र जैसी गंध आती है। इसके सेवन के न केवल सेक्स पॉवर बढ़ती है वरन इसके शरीर पर कई अन्य प्रभाव भी होते हैं जिनकी सहायता से बुढापा भी दूर रहता है।


शिलाजीत को भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक माना जाता है। शिलाजीत हिमालय की पहाड़ियों और चट्टानों पर पाया जाने वाला एक चिपचिपा और लसलसा पदार्थ है जो काले या भूरे रंग का होता है। शिलाजीत का उपयोग करीब पांच हजार सालों से हर तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यह लंबी उम्र और कई अन्य बीमारियों के लिए हजारों वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। आयुर्वेद में शिलाजीत के फायदे और गुणों का अधिक महत्व है। शिलाजीत एक मोटा, काले-भूरे रंग का खनिज तारकोल है, जो हिमालय पर्वतों में दरारें से गर्मियों में तापमान बढ़ने पर बाहर निकल जाता है। इसमें कई तरह के मिनरल पाये जाते हैं जिस वजह से इसे कई असाध्य रोगों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है। शिलाजीत का सेवन पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाता है और बढ़ती उम्र को रोकता है। कहा जाता है कि शिलाजीत की खुराक का हजारों मर्ज की एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। शिलाजीत सदियों पुराने, विघटित पौधों से बना है जो कि विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का शक्तिशाली स्रोत हैं। यह एक शक्तिशाली अनुकूलन है, जो सभी प्रकार के मानसिक और शारीरिक तनाव से बचाव में मदद करता है।

शिलाजीत चार प्रकार का होता है रजत, स्वर्ण, लौह तथा ताम्र शिलाजीत। प्रत्येक प्रकार की शिलाजीत के गुण तथा लाभ भी उनकी प्रकृति के ही अनुसार होते हैं। शिलाजीत का प्रयोग शीघ्रपतन की समस्या दूर कर वीर्यवर्द्धन के लिए किया जाता है। इसके लिए बीस ग्राम शिलाजीत तथा बंग भस्म में दस ग्राम लौह भस्म तथा छह ग्राम अभ्रक भस्म मिलाकर खाने से बहुत लाभ होता है। शीघ्रपतन की समस्या इससे पूर्ण रूप से दूर हो जाती है। परन्तु इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।
  • स्वप्नदोष की समस्या दूर करने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए शुद्ध शिलाजीत, लौहभस्म, केसर तथा अम्बर का मिलाकर लेना होता है। इससे व्यक्ति की न केवल सेक्स पॉवर में सुधार आता है वरन उसका बूढ़ा शरीर भी 20 वर्ष के जवान की तरह इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।
  • जिन लोगों को बहुमूत्र या बार-बार मूत्र जाने की समस्या हो उन्हें शिलाजीत, बंग भस्म, छोटी इलायची के दाने तथा वंश लोचन का समान मात्रा में मिलाकर शहद के साथ सुबह शाम सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में भी ताकत आती है और शरीर मजबूत होता है।
  • जिन लोगों को मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या है, उनके लिए भी शिलाजीत बेहद कारगर है। एक चम्मच शहद तथा एक चम्मच त्रिफला चूर्ण के साथ दो रत्ती शिलाजीत मिलाकर सेवन करने से डायबिटीज पूरी तरह ठीक हो जाता है।
  • बूढ़े होते शरीर तथा झुर्रीदार त्वचा से बचने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए शिलाजीत, अश्वगंधा तथा सफेद मूसली को मिलाकर विशेष प्रक्रिया द्वारा दवा तैयार की जाती है। इस दवा के प्रयोग से सभी बीमारियां दूर होकर शरीर पुन: युवा हो जाता है।
  • शारीरिक ताकत के साथ साथ दिमागी ताकत बढ़ाने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। रोजाना एक चम्मच शुद्ध मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करने से दिमागी थकावट नहीं होती और व्यक्ति की याददाश्त तथा दिमाग तेज होते हैं।
  • शिलाजीत का प्रयोग ब्लड़प्रेशर को नॉर्मल करने में भी किया जाता है। शिलाजीत के प्रयोग से रक्त शुद्ध होकर नसों में रक्तसंचार बढ़ता है जिससे पूरे शरीर में कान्ति उभरती है तथा शरीर में ताकत आती है।
  • शिलाजीत गर्म होता है, जिन्हें पहले से गर्मी बढ़ी हुई हो, उन्हें शिलाजीत से दूर रहकर अन्य औषधियों का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही शिलाजीत के सेवन के दौरान मिर्च-मसाले, खटाई, मांस, मछली, अंडे, शराब, रात में देर तक जागना, दिन में सोने जैसे कामों से बचना चाहिए।
  • शिलाजीत से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। शिलाजीत का सुबह शाम दूध तथा शहद के साथ सेवन करने से शरीर बीमार नहीं पड़ता है। छोटे-मोटे इंफेक्शन ऎसे लोगों से दूर ही रहते हैं।
  • शिलाजीत का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पुरूषों की यौन क्षमता को बढ़ाता है। शिलाजीत का सेवन करते हुए आपको मिर्च मसाले, खटाई और अधिक नमक के सेवन से परहेज करना है। शिलाजीत में केसर, लौहभस्म और अम्बर को मिलाकर सेवन करने से स्पनदोष तक की समस्या भी ठीक हो जाती है।
    शिलाजीत का सेवन करने से तनाव को पैदा करने वाले हार्मोन्स संतुलित हो जाते हैं जिससे व्यक्ति को डिप्रैशन की समस्या नहीं होती।
  • शरीर को तुरंत उर्जा देने का कार्य करता है शिलाजीत। इसमें मौजूद विटामिन और प्रोटीन से शरीर में ताकत आती है।
  • शिलाजीत मधुमेह से ग्रसित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद औषधि है। एक चम्मच त्रिफला चूर्ण और एक चम्मच शहद को दो रत्ती शिलाजीत के साथ खाने से मधुमेह ठीक हो जाता है।
  • हाइपरटैंशन के मरीजों के लिए भी शिलाजीत बहुत फायदेमंद है। यह शरीर में खून को साफ करके नसों में खून की रफ्तार को ठीक करता है,जिससे बी.पी कंट्रोल हो जाता है।
  • उम्र बढ़ने के साथ ही चेहरे और शरीर की त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती है। ऐसे में सफेद मसूली, अश्वगंधा और शिलाजीत को मिलाकर बनाई गई दवा शरीर को फिर से जवां बनाने का काम करती है।
  • शरीर की कमजोरी दूर करना और बीमारियों से लड़ने के लिए रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना शिलाजीत का ही कार्य होता है। दूध के साथ शुबह शाम शिलाजीत को खाने से इंसान बीमार नहीं पड़ता।
  • जिन लोगों को बार-बार बाथरूम जाने की समस्या होती है, उनके लिए शिलाजीत बहुत ही फायदेमंद होता है। शहद के साथ छोटी इलायची के दाने और शिलाजीत को मिलाकर खाने से अधिक मूत्रता होने की समस्या ठीक होती है।

शिलाजीत के लाभ
  • अल्जाइमर के इलाज में शिलाजीत के फायदे - अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी बीमारी है जिसमें याददाश्त, व्यवहार और सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ता है। अल्जाइमर के लक्षणों के इलाज के लिए वैसे तो कई दवाएं मौजूद हैं लेकिन कुछ रिसर्च यह दावा करते हैं कि शिलाजीत अल्जाइमर से बचाने में काफी उपयोगी है और यह धीरे-धीरे अल्जाइमर के लक्षणों को कम कर देता है। शिलाजीत में फुल्विक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो न्यूरॉन में अधिक टॉ प्रोटीन जमा होने से रोकता है इससे हमारी याददाश्त की क्षमता बढ़ती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड असामान्य रूप से टॉ प्रोटीन के निर्माण को रोकता है और सूजन को कम करता है जिससे अल्जाइमर के लक्षण कम होने लगते हैं।
  • ऊर्जा और पुनरोद्धार प्रदान करता है - सदियों से, आयुर्वेदिक दवाओं के चिकित्सकों ने ऊर्जा को बढ़ावा देने और शरीर को पुनर्जन्मित करने के लिए शिलाजीत का उपयोग किया है। शरीर के भीतर मिटोकोंड्रिया के कार्य को बढ़ाकर यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। यह जड़ी बूटी शरीर को मजबूत एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ पुनर्जीवित करती है। रोग पैदा करने वाले मुक्त कणों से लड़ कर, यह रसायनों और अन्य खतरनाक एजेंटों की वजह से होने वाले शरीर के आंतरिक नुकसान की मरम्मत करता है।
  • एनीमिया होने से बचाता है शिलाजीत का सेवन - शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन न मिलने से खून की कमी हो जाती है। इसकी वजह से थकान, कमजोरी, सिरदर्द, हृदय की गति बढ़ना और हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं। शिलाजीत की खुराक लेने से शरीर में धीरे-धीरे आयरन की कमी पूरी होने लगती है। यह रेड ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाता है जिससे एनीमिया की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है।
  • कैंसर से बचाव और रक्षा में मदद करता है - शिलाजीत विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए विषाक्त पाया गया है, जिनमें फेफड़े, स्तन, कोलन, डिम्बग्रंथि और यकृत कैंसर शामिल हैं।
  • दिल और रक्त के लिए अच्छा है - हर एक खुराक में पाए जाने वाले लोहे की उच्च उपस्थिति के कारण यह एनीमिया के उपचार में भी प्रभावी होता है।
  • मधुमेह को प्रबंधित करने में मदद करता है - शिलाजीत मधुमेह रोगियों में रक्त ग्लूकोज और लिपिड प्रोफाइल को कम करने में मदद कर सकता है।
  • मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है - अध्ययनों से पता चलता है कि इसमें विशेष न्यूरोप्रोटेक्टेव क्षमता है। यह अविश्वसनीय पोषक तत्व अल्जाइमर रोग के हल्के मामलों का इलाज करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, शिलाजीत अपस्मार रोधी गुण दिखाता है।
  • व्यसनों को तोड़ने में मदद करता है - अन्य दवा पदार्थों के साथ अपनी अनूठी बातचीत के कारण, शिलाजीत का लत को तोड़ने की प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब ओपिओइड रोगियों को दिया जाता है तो यह वास्तविक व्यसन कम करता है और वापसी के लक्षण कम करता है।
  • शिलाजीत का सेवन बांझपन दूर करता है - पुरुषों में शिलाजीत बांझपन की समस्या को दूर करने में काफी उपयोगी साबित होता है। बांझपन की समस्या से ग्रस्त 60 पुरुषों पर एक अध्ययन की गई, जिसमें उन्हें तीन महीनों तक भोजन के बाद दिन में दो बार शिलाजीत की खुराक दी गई। तीन महीने बाद अध्ययन में शामिल साठ प्रतिशत पुरुषों के स्पर्म में वृद्धि हो गई।
  • शिलाजीत के फायदे बढ़ती उम्र का असर करें कम - चूंकि शिलाजीत में पर्याप्त मात्रा में फुल्विक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लैमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसलिए यह फ्री रेडिकल से हमारी रक्षा करता है और कोशिकाओं को टूटने से बचाता है। शिलाजीत का नियमित सेवन करने से आप बिल्कुल स्वस्थ रहते हैं और यह बुढ़ापे को रोकता है जिससे आप हमेशा जवान दिखते हैं।
  • शिलाजीत के फायदे से बढ़ाएं टेस्टोस्टेरोन के स्तर को - टेस्टोस्टीरॉन पुरुषों में पाया जाने वाला सेक्स हार्मोन है। लेकिन कुछ पुरुषों में इस हार्मोन का स्तर काफी कम होता है। इसकी वजह से सेक्स की इच्छा में कमी, बाल झड़ना, थकान और मोटापा बढ़ने लगता है। पैंतालीस से पचपन साल की उम्र के कुछ पुरुषों पर एक अध्ययन की गई जिसमें आधे पुरुषों को प्लेसिबो दवा और आधे को दिन में दो बार 250 मिलीग्राम शिलाजीत की खुराक दी गई। स्टडी में पाया गया कि लगभग तीन महिने में शिलाजीत की खुराक लेने वाले पुरुषों के टेस्टोस्टीरॉन का लेवल बढ़ चुका था।
  • शिलाजीत के फायदे हृदय को रखे मजबूत - नियमित शिलाजीत का सेवन करने से हृदय मजबूत रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। प्रयोगशाला में कुछ चूहों पर किए गए परीक्षण में पाया गया है कि शिलाजीत का रोजाना सेवन करने से हृदय की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
  • शिलाजीत के लाभ थकान दूर करें - क्रोनिक फॉटिग सिंड्रोम (सीएफएस) एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को काफी लंबे समय तक थकान और सुस्ती का अनुभव होता है। सीएफएस से पीड़ित व्यक्ति किसी भी काम को एक्टिव होकर नहीं कर पाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शिलाजीत की खुराक सीएफएस के लक्षणों को दूर कर एनर्जी स्टोर करने में मदद करती है। सीएफएस शरीर में कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करने से रोकता है जिससे की माइटोकांड्रिया की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। शिलाजीत माइटोकांड्रिया के कार्यक्षमता को मजबूत करने में मदद प्रदान करता है जिससे शरीर में एनर्जी फिर से स्टोर होने लगती है और थकान की समस्या दूर हो जाती है।
  • हार्मोन और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करता है - शिलाजीत का एक और महत्वपूर्ण कार्य यह है कि यह विभिन्न शरीर प्रणालियों को नियंत्रित करता है, जैसे कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और हार्मोन का संतुलन। 
  • सूजन कम करता है और वायरस से लड़ता है - यह गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार और रोकथाम, तथा उनसे संबंधित सूजन को कम करने में प्रभावी है।
  • यह एक शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर के रूप में कार्य करता है।
  • यह कंकाल स्वास्थ्य का समर्थन और सुधार करता है।
  • यह दर्द को दूर करता है।
  • यह व्यापक रूप से यौन उत्थानकारी के रूप में उपयोग किया जाता है।
शिलाजीत के नुकसान
  • अगर आप पहले से कोई दवा खा रहे हों तो शिलाजीत का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लें, अन्यथा शिलाजीत का सेवन का साइड इफेक्ट हो सकता है।
  • कभी-कभी शिलाजीत के सेवन से एलर्जी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए यदि आपको खुजली और मिचली का अनुभव हो या हृदय की धड़कन की गति बढ़ जाए तो शिलाजीत के सेवन को तुरंत बंद कर देना चाहिए। हालांकि इस तरह के साइड इफेक्ट कम ही देखने को मिलते हैं।
  • पेशाब में वृद्धि या कमी।
  • पैरों में जलन का अहसास।
  • यदि आप शिलाजीत में मौजूद किसी भी मिश्रित या घटक के एलर्जी है। यदि आप एलर्जी की प्रतिक्रिया के लक्षणों को देखते हैं, जिसमें मतली, चक्कर आना, दिल की दर बढ़ने, खुजली आदि शामिल हैं, तो शिलाजीत का उपयोग करना बंद कर दें।
  • यदि सही तरीके से और सही मात्रा में लिया जाता है, तो शिलाजीत किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव से सम्बंधित नहीं है। परंतु यदि अधिक मात्रा में लिया जाए तो निम्न दुष्प्रभाव होने की संभावना है।
  • शरीर में अत्यधिक गर्मी उत्तेजना।
  • शिलाजीत का अधिक मात्रा में सेवन करने पर यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पित्त में परेशानी पैदा हो सकती है। हालांकि ऐसी समस्या शिलाजीत की अधिक खुराक लेने पर ही उत्पन्न होती है।
  • शिलाजीत का सेवन के साथ दूसरे आयरन सप्लीमेंट लेने पर इसका साइड इफेक्ट हो सकता है क्योंकि शिलाजीत में अधिक मात्रा में आयरन पाया जाता है। इसके साथ अन्य आयरन सप्लीमेंट लेने पर खून में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
  • हाथ और पैरों में अधिक गर्मी महसूस करना।


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उ०प्र० जनहित गारन्टी अधिनियम 2011 से आच्छादित सेवाएँ



 

Janhit Guarantee Act 2011, Uttar Pradesh
जनहित गारन्टी (विभागवार सेवाओं की सूची) दिनांक- 20-09-2018 तक
Janhit Guarantee Act (Department Wise Service List), Last update date 20-09-2018
क्र०सं०
विभाग
क्र०सं०
सेवाएँ
माध्यम
पोर्टल एड्रेस
1
राजस्व
1
जाति प्रमाणपत्र
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
2
आय प्रमाणपत्र
3
सामान्य निवास प्रमाणपत्र
4
कृषि भूमि का अविवादित नामान्तरण
ऑनलाइन
2
कृषि
5
बीज -खरीफरबी एवं जायद में उपलब्धता
ऑनलाइन
6
उर्वरक -खरीफरबी एवं जायद में उपलब्धता
7
कृषि रक्षा रसायन -खरीफरबी एवं जायद में उपलब्धता
8
मृदा परीक्षण
ऑनलाइन
9
फसल बीमा
ऑनलाइन
10
बीज DBT
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
11
उर्वरक DBT
12
कृषि रक्षा रसायन DBT
13
कृषि यंत्र DBT
14
कृषि रक्षा यंत्र DBT
15
उर्वरक लाइसेंस हेतु आवेदन
16
बीज लाइसेंस हेतु आवेदन
17
कीटनाशक लाइसेंस हेतु आवेदन
3
ग्राम्य विकास
18
मनरेगा रोजगार
ऑनलाइन
4
नगर विकास
19
नगर निगम क्षेत्र में स्थित सम्पत्ति का अविवादित नामान्तरण
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
20
नगर निगम क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति का नया संयोजन
21
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र
22
ट्रेड लाइसेंस हेतु आवेदन
ऑनलाइन
5
आवास एवं शहरी नियोजन
23
आवासीय भवन के नक़्शे की स्वीकृति
1- 
समूह भवन
2- 
एकल भवन
ऑनलाइन
24
अनावासीय भवन के नक़्शे की स्वीकृति
6
खाद्य एवं रसद
25
पात्र गृहस्थी कार्ड (नगर क्षेत्र)
जनसेवा केन्द्र (CSC)
26
पात्र गृहस्थी कार्ड (ग्रामीण क्षेत्र)
7
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
27
दिव्यांगता प्रमाणपत्र
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
28
आयु प्रमाणपत्र
29
नर्सिंग होम का पंजीकरण
30
असफल परिवार नियोजन का भुगतान
31
चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान
32
मेडिकल सर्टिफिकेट का निर्गमन
33
मेडिको लीगल(इंजरी) प्रमाणपत्र का निर्गमन
34
सफल टीकाकरण प्रमाणपत्र का निर्गमन
35
अस्पतालों में मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाणपत्र का निर्गमन
8
परिवहन
36
ड्राइविंग लाइसेंस की डुप्लीकेट प्रति
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
37
परिचालक लाइसेंस की डुप्लीकेट प्रति
38
RC की डुप्लीकेट प्रति
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
39
परमिट की डुप्लीकेट प्रति
9
ऊर्जा
40
नया विद्युत् कनेक्शन
I.
आवासीय
II.  
व्यावसायिक
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
41
खराब मीटर को बदलना
जनसेवा केन्द्र (CSC)
42
विद्युतीय दुर्घटनाओं में क्षतिपूर्ति का भुगतान
43
खराब ट्रांसफार्मर को बदलना (ग्रामीण/शहरी)
10
सूक्ष्मलघु एवं मध्यम उद्यम
44
पंजीकरण सेवा के समावेशन पर निर्णय
ऑनलाइन
11
श्रम
45
श्रमिकों का पंजीकरण
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
46
अधिष्ठान का पंजीकरण
47
उ०प्र० दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम, 1962 के अधीन अधिष्ठानों का रजिस्ट्रेशन एवं नवीनीकरण
48
ठेका श्रम (विनियमन एवं उत्सादन) अधिनियम, 1970 के अधीन अधिष्ठानों का रजिस्ट्रेशन 
49
ठेका श्रम (विनियमन एवं उत्सादन) अधिनियम, 1970 के अधीन संविदाकार को अनुज्ञप्ति दिया जाना एवं उसका  नवीनीकरण
50
अंतर्राज्यिक प्रवासी कर्मकार अधिनियम, 1979 के अधीन अधिष्ठानों का रजिस्ट्रेशन एवं संविदाकार की अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण
51
कारखाना अधिनियम, 1948 के अधीन अनुज्ञापन
52
कारखाना अधिनियम, 1948 के अधीन कारखानों के लिए अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण
53
ब्वायलर अधिनियम, 1923 के अधीन ब्वायलर विनिर्माताओं का अनुमोदन तथा उनका नवीनीकरण
54
ब्वायलर अधिनियम, 1923 के अधीन ब्वायलर परिनिर्माताओं का अनुमोदन तथा उनका नवीनीकरण
55
ब्वायलर अधिनियम, 1923 के अधीन ब्वायलरों परिनिर्माताओं का रजिस्ट्रेशन एवं नवीनीकरण
12
महिला कल्याण
56
विधवा पेंशन
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
57
दहेज़ पीड़ितों को विधिक एवं आर्थिक सहायता
58
पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं से पुनर्विवाह करने पर दम्पत्ति को पुरस्कारपति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु अनुदान पर निर्णय
13
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन
59
मूल रजिस्टर्ड दस्तावेजों की वापसी
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
14
समाज कल्याण
60
वृद्धवस्था पेंशन
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
61
पारिवारिक लाभ योजना
62
अनुसूचित जाति/जनजाति की छात्रवृत्ति की शिकायत
15
वन
63
व्यक्तिगत भूमि पर स्थित पेड़ों को काटने की अनुमति
ऑनलाइन
64
वनोत्पादों के परिवहन हेतु अनुमति-पत्र
16
वाणिज्य कर
65
पंजीकरण प्रमाणपत्र की डुप्लीकेट प्रति
ऑनलाइन
66
पंजीकरण प्रमाणपत्र में त्रुटि संशोधन
67
कर सम्बन्धी नियमों के अन्तर्गत जारी किया जाने वाले प्रपत्रों का निर्गमन
68
अदेयता प्रमाणपत्र निर्गत किया जाना
69
पंजीकरण हेतु आवेदन का निस्तारण
70
निर्यातकों को औपबंधिक प्रतिदाय पर निर्णय
71
कर निर्धारण आदेश/अपीलीय आदेश के माध्यम से रचित निर्गमन प्रतिदाय पर निर्णय
17
मनोरन्जन कर
72
एकल सिनेमामल्टीप्लेक्ससचल सिनेमा/ विशेष चलचित्र प्रदर्शनवीडियो सिनेमासचल वीडियो सिनेमास्थानीय चैनल और वीडियो लाइब्रेरी हेतु नवीन लाइसेंस।
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
73
एकल सिनेमामल्टीप्लेक्ससचल सिनेमा/ विशेष चलचित्र प्रदर्शनवीडियो सिनेमासचल वीडियो सिनेमास्थानीय चैनल और वीडियो लाइब्रेरी के लाइसेंस का नवीनीकरण।
74
चलचित्र/डिजिटल प्रोजेक्शन सिस्टम के लिए आपरेटर परमिट
75
विभिन्न मनोरंजन के लिये अनुमति (लाइसेंस्ड मनोरंजनकेबिल और डीटीएच को छोड़कर यथा मनोरंजन पार्क/ वाटर पार्ककैबरे या फ्लोर शोझूलावीडियो गेम्सकौशल के खेलमिमिकरीकार्निवालपपेट शोअशास्त्रीय संगीतघुड़दौड़पूल गेमबालिंग येलेबिलियर्ड्सस्नूकर उक्त सूची के अतिरिक्त अन्य मनोरंजन)
18
गृह
76
प्रोविजनल (औपबन्धिक) अनापत्ति प्रमाण-पत्र
ऑनलाइन
77
थाना स्तर पर प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
78
अन्तिम अनापत्ति प्रमाण-पत्र
ऑनलाइन
79
फिल्म शूटिंग के निवेदन का पंजीकरण
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
https://cctnsup.gov.in/citizen/login.aspx
80
चरित्र सत्यापन (PVR, MVR,  PR.V.R. etc.)
81
चरित्र सत्यापन ( ठेकेदारों हेतु)
82
सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन से संबंधित अनुमति / अनुशंसा
19
वित्त
(
निबन्धक फर्म्ससोसाइटी एवं चिट्स)
83
रजिस्ट्रीकरण
ऑनलाइन
84
सोसाइटी प्रतिलिपि
85
फर्म रजिस्ट्रीकरण
86
फर्म प्रतिलिपि
20
पशुपालन
87
स्वयंसेवी संस्थाओं NGO द्वारा संचालित गौशालाओं के पंजीकरण पर निर्णय
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
21
दुग्ध विकास
88
दुग्ध समितियों के पंजीकरण पर निर्णय
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
22
खादी एवं ग्रामोद्योग
89
बैंकों (मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना) से आर्थिक सहायता हेतु आवेदन पत्र प्रेषित किए जाने पर निर्णय
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
90
उपदान (अनुदान) (मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना) पर ब्याज की प्रसुविधाओं पर निर्णय
23
लोक निर्माण
91
नवीन ठेकेदार रजिस्ट्रेशन
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
92
ठेकेदार रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण
93
रोड साइड हेतु अनुमति
24
उपभोक्ता संरक्षण एवं बाँट एवं माप
(
विधिक माप विज्ञान विभाग)
94
बाट-मापतौलनेमापने के उपकरणों का विनिर्माण करने हेतु विनिर्माता अनुज्ञा पत्र जारी किए जाने पर निर्णय
ऑनलाइन
95
बाट-मापतौलनेमापने के उपकरणों का विक्रय करने हेतु व्यवहारी अनुज्ञा पत्र जारी किए जाने पर निर्णय
96
बाट-मापतौलनेमापने के उपकरणों के मरम्मत हेतु मरम्मतकर्ता अनुज्ञा पत्र जारी किए जाने पर निर्णय
97
बाट-मापतौलनेमापने के उपकरणों हेतु विनिर्माता अनुज्ञा पत्र का नवीनीकरण किए जाने पर निर्णय
98
बाट-मापतौलनेमापने के उपकरणों हेतु व्यवहारी अनुज्ञा पत्र का नवीनीकरण किए जाने पर निर्णय
99
बाट-मापतौलनेमापने के उपकरणों हेतु मरम्मतकर्ता अनुज्ञा पत्र का नवीनीकरण किए जाने पर निर्णय
100
डिब्बाबंद वस्तुओं के निर्माता/पैकर/आयात के नाम व पते का पंजीकरण
101
कार्यालय/शिविर कार्यालय में बांट माप का सत्यापन/पुनः सत्यापन
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
102
पेट्रोल/डीजल पम्प का यथास्थान सत्यापन/पुनः सत्यापन
103
फ्लोमीटर (प्रवाह मीटर) का सत्यापन/पुनः सत्यापन
104
आटो रिक्शा/टैक्सीमीटर का सत्यापन/पुनः सत्यापन
105
सी0एन0जी0एल0पी0जीडिस्पेंसिंग पम्प का यथास्थान सत्यापन/पुनः सत्यापन
106
स्टोरेज टैंक का सत्यापन/पुनः सत्यापन मुद्रांकन
25
उद्यान
107
निजी क्षेत्र में पौधशाला के स्थापना हेतु आवेदन पत्र
ऑनलाइन
108
निजी क्षेत्र में पंजीकृत कियेगए पौधशाला का नवीनकरण हेतु आवेदन पत्र
109
नवीन शीतगृह के निर्माण हेतु अनुज्ञा
110
नवीन शीतगृह लाइसेंस प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र
111
लाइसेंस के नवीनकरण हेतु आवेदन पत्र
26
माध्यमिक शिक्षा
112
मूल प्रमाण-पत्र जारी करना
ऑनलाइन
113
प्रमाण-पत्र की द्वितीय प्रतिलिपि जारी करना
114
मूल अंक पत्र जारी करना
115
अंकपत्र की द्वितीय प्रतिलिपि जारी करना 
116
संशोधित प्रमाण-पत्र जारी करना
117
संशोधित अंक पत्र जारी करना 
118
निरस्त परीक्षाफल का निराकरण करना
119
रोके गये परीक्षाफल का निराकरण करना
120
अपूर्ण अथवा त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल का संशोधन करना
27
उच्च शिक्षा
121
शिक्षण संस्थाओ द्वारा जारी प्रमाण पत्रों एवं डिग्रीयों का सत्यापन
ऑनलाइन
122
मूल अंक पत्र जारी करना
123
नेशनल सर्विस स्कीम सर्टिफिकेट हेतु आवेदन
28
प्राविधिक शिक्षा
124
स्थानातरण प्रमाणपत्र जारी किया जाना
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
125
प्रोविजनल डिप्लोमा प्रमाणपत्र जारी किया जाना
126
कॉशन मनी वापस किया जाना
127
चरित्र प्रमाणपत्र जारी किया जाना
128
प्रोविजनल अंकपत्र जारी किया जाना
129
डिप्लोमा प्रमाणपत्र जारी किया जाना
130
स्क्रूटिनी का परिणाम जारी किया जाना
131
बैक पेपर परीक्षा का परिणाम जारी किया जाना
132
अंकपत्र में संशोधन
133
डुप्लीकेट अंकपत्र जारी किया जाना
134
अंकपत्र की द्वितीय प्रतिलिपि जारी करना 
29
चिकित्सा शिक्षा
135
चिकित्सकों का पंजीकरण
ऑनलाइन
30
आबकारी
136
स्कूल/कॉलेज को रेक्टिफाइड स्पिरिट की आपूर्ति पर निर्णय
ऑनलाइन
137
नारकोटिक मेडिसिन (बीमारी हेतु) के आयात पर निर्णय
138
अकेजनल बार लाइसेंस निर्गत किए जाने पर निर्णय
139
सैक्रामेंटल वाइन  का लाइसेंस निर्गत किए जाने पर निर्णय
31
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास
140
मूल अंकपत्रों एवं प्रमाणपत्रों को वापस किया जाना
ऑनलाइन एवं जनसेवा केन्द्र (CSC)
141
अंकपत्र एवं चरित्र प्रमाणपत्र जारी किया जाना
142
उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र जारी किया जाना
143
उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र जारी किया जाना
144
स्थानातरण प्रमाणपत्र जारी किया जाना
145
डुप्लीकेट अंकपत्र जारी किया जाना
146
डुप्लीकेट प्रमाणपत्र जारी किया जाना
147
पुनरीक्षित अंकपत्र जारी किया जाना
148
पुनरीक्षित प्रमाणपत्र जारी किया जाना
149
स्क्रूटिनी का परिणाम जारी किया जाना
150
कॉशन मनी वापस किया जाना

अवस्थापना एवं आद्योगिक विकास




32
यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण
151
भूमि आवण्टन पत्र
ऑनलाइन
152
आवंटी की मृत्यु के उपरान्त उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण
153
क्रियाशील प्रमाणपत्र जारी किया जाना
154
समर्पण प्रमाणपत्र का अनुमोदन
155
अदेयता प्रमाणपत्र निर्गत किया जाना
156
मानचित्र का अनुमोदन/ स्वीकृति (40,000  वर्ग फीट तक)
मानचित्र का अनुमोदन/ स्वीकृति (>40,000 वर्ग फीट)
157
पूर्णता प्रमाणपत्र
158
जल/सीवर कनेक्शन
पिकप
159
उद्यमियों को वित्त पोषण
उ०प्र० राज्य आद्योगिक विकास निगम (UPSIDC)
160
औद्योगिक भूमि का आवण्टन
161
25 एकड़ तक में  औद्योगिक भवन के मानचित्र का अनुमोदन/ स्वीकृति
162
25 एकड़ तक से अधिक के औद्योगिक भवन के मानचित्र का अनुमोदन/ स्वीकृति
ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण
163
भूमि आवण्टन पत्र
164
आवंटी की मृत्यु के उपरान्त उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण
165
क्रियाशील प्रमाणपत्र जारी किया जाना
166
अभ्यर्पण प्रार्थना पत्रों का अनुमोदन
167
बन्धक प्रमाण पत्र जारी किया जाना
168
अदेयता प्रमाण पत्र जारी किया जाना
169
मानचित्र का अनुमोदन
170
अभ्यर्पण प्रमाणपत्र
171
जल/सीवर कनेक्शन
नॉएडा प्राधिकरण
172
योजना के बन्द होने के उपरान्त पात्र आवेदकों के लिये आवंटन पत्र जारी किया जाना
33
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन
173
एलोपैथिक/ होम्योपैथिक/कॉस्मेटिक और रक्तकोष के विनिर्माण हेतु नई विनिर्माण अनुज्ञप्ति और उसका नवीनीकरण              
(क) राज्य अनुज्ञप्ति प्राधिकारी (S.L.A.) द्वारा विनिर्माण अनुज्ञप्ति की स्वीकृति  
(ख) केंद्रीय अनुज्ञप्ति अनुमोदनकर्ता प्राधिकारी (C.L.A.A.) के द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित विनिर्माण अनुज्ञप्ति
ऑनलाइन
174
2- औषधियों एवं कॉस्‍मेटिक्‍स के अतिरिक्‍त श्रेणियों एवं रक्‍तसंघटकों के प्रसंस्‍क्‍रण हेतु विनिर्माण अनुज्ञप्ति 
(क) राज्‍य अनुज्ञप्ति प्राधिकारी (S.L.A.) द्वारा विनिर्माण अनुज्ञप्ति की स्‍वी‍कृति
(ख) केन्‍द्रीय अनुज्ञप्ति अनुमोदनकर्ता प्राधिकारी (C.L.A.A.) के द्वारा विनिर्माण अनुज्ञप्ति
175
3- परीक्षण और विश्‍लेषण के लिये औषधि के विनिर्माण हेतु अनुज्ञप्ति
176
4- अतिरिक्‍त औषधि के विनिर्माण हेतु अनुज्ञप्ति
(क) राज्‍य अनुज्ञप्ति प्राधिकारी (S.L.A.) द्वारा विनिर्माण अनुज्ञप्ति की स्‍वी‍कृति
(ख) केन्‍द्रीय अनुज्ञप्ति अनुमोदनकर्ता प्राधिकारी (C.L.A.A.) के द्वारा प्रतिहस्‍ताक्षरित विनिर्माण अनुज्ञप्ति
177
5- नये जी0एम0पी0/डब्‍ल्‍यूएचओ0 जी0एम0पी0 प्रमाण पत्रों की स्‍वीकृति और उनकी वैधता की वृत्ति
(क)  राज्‍य अनुज्ञप्ति प्राधिकारी (S.L.A.) द्वारा विनिर्माण अनुज्ञप्ति की स्‍वी‍कृति 
(ख) केन्‍द्रीय अनुज्ञप्ति अनुमोदनकर्ता प्राधिकारी (C.L.A.A.) के द्वारा प्रतिहस्‍ताक्षरित विनिर्माण अनुज्ञप्ति
178
6- निम्‍नलिखित प्रमाण पत्रों का निर्गमन
(क) नान कनविक्‍शन प्रमाण पत्र
(
ख) फ्री-सेल प्रमाण पत्र
(
ग) वैधता प्रमाण पत्र
(
घ) परफारमेन्‍स प्रमाण पत्र
(
ङ) न्‍यूट्रल कोड नं0
179
थोक/फुटकर औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियों की स्वीकृति एवं उनका नवीनीकरण
180
खाद्य पदार्थों के लिए अनुज्ञप्तियों की स्वीकृति
181
खाद्य पदार्थों का रजिस्ट्रीकरण


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