सरकारी कर्मचारी का किसी पार्टी को सर्मथन से जा सकती है नौकरी



चुनाव आचार संहिता लगी हो अथवा नहीं, किसी सरकारी कर्मचारी का चाहे वह राज्य केंद्र सरकार के अन्‍तर्गत हो या राज्‍य सरकार के, उसका किसी भी दल विशेष के प्रति शोसल मिडिया या कहीं अन्‍यत्र जहां साक्ष्‍यों मे दर्ज होना सुनिश्चित हो, आकर्षण रखना उसके नियुक्ति नियमों के विपरीत है।

हम किसी दल के समर्थक है तो हम बिना सुबूत छोडे भी काम कर सकते है किन्‍तु साक्ष्‍यों के साथ समर्थन सेवा बर्खास्‍तगी का आधार हो सकता है। आपकी यह दलील की यह पोस्‍ट मैने नही की अथवा मेरे अनुपस्थिति मे किसी ने किया है तो यह दलील आपको राहत नही देगी। साक्ष्‍यों के प्रकटीकरण के बाद यह जांच और ट्रायल का विषय है, कि अपराध किसने किया है।

चूकि आपके नाम, नम्‍बर, मोबाइल और कम्पूटर से घटित घटना के लिये प्रथम दृष्टया आप ही दोषी माने जायेगे और आपको कोई रिलीफ नही मिलेगी। मोदी या किसी अन्‍य का समर्थन जरूर करें किन्‍तु बिना साक्ष्‍य छोड़े बिना अन्‍यथा आपका कोई धुर विरोधी आप आपकी सेवा को खतरे मे डाल सकता है। अपने और अपने परिवार के भविष्य को खतरें में न डालें।


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