गैर मुस्लिमों के विरूद्ध मुसलमानों को आतंक और हिंसा की राह दिखाती कुरान



आज के समय में मुझे कहने में गुरेज नहीं कि इस्लाम नीव वास्तव में आतंक पर ही रखी गयी थी. जिस आज भी इस्लाम के अनुयायी अनुसरण कर रहे है। वैश्विक इस्लामिक राष्ट्र का उद्देश्य लेकर चली आइएसआइएस का उद्देश्य इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया मकसद इराक और सीरिया के साथ-साथ उत्तरी अफ्रीका से लेकर भारत तक सुन्नी इस्लामिक राज कायम करने की है।










आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया ) दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। ऐसा माना जाता है कि इस संगठन को महिलाओं से खास नफरत है। ये संगठन हर कीमत पर अपना साम्राज्य फैलाना चाहता है! आइएसआइएस के मानवता को तार-तारकरने वाले कृत्य है इसे बिन्दुवार समझा जा सकता है।
  • दहशत और आतंक का पर्याय बन चुके आतंकी संगठन आइएसआइएस ने एक नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि गैर मुस्लिम महिलाओं संग सेक्स करना जायज है।
  • यह कट्टरवादी संगठन अपने इस इरादे को पूरा करने के लिए छोटी नाबालिग बच्चियों को भी नहीं बख्शता है। खुले आम महिलाओं की बोली लगाना, उनकी खरीद-फरोख्त करना और उनके साथ बलात्कार करना इस संगठन के लिए बहुत आम बात हो गई है।
  • आइएसआइएस इराक के शहर मोसुल में महिला बंदियों और उनकी स्वतंत्रता पर सवाल-जवाब वाले शीर्षक संबंधी पर्चों को वितरित करवा रहा है। इस पर्चे में उनके सभी नियम कायदों का ब्योरा है जिसके लिए वो दबाव बनवा रहे हैं। इन पर्चों में यह भी कहा गया है कि गैर मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को किसी को भी बेचा जा सकता है और उन्हें किसी को गिफ्ट के तौर पर भेंट भी किया जा सकता है।
  • आइएसआइएस ने इराक में अपने कब्जे वाले इलाके में 11 से लेकर 46 साल तक की सभी महिलाओं को खतना करने का फरमान सुनाया है।
  • ये संगठन 12 से 13 साल के बच्चों को बहला फुसला कर अपने संगठन में शामिल करता है और उन्हें वीडियो दिखाकर प्रशिक्षत करता है।
  • अभी हाल ही में इन्होंने दो जापानी व्यक्तियों को बंधक बनाया था और उनको छोडऩे के बदले इस संगठन ने जापानी सरकार के 200 मिलियन अमेरीकी डालर की मांग की थी।
  • ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आइएसआइएस में 200,000 सैनिक होंगे ।
जनवरी से सितंबर के बीच में इस संगठन से लगभग 9 हजार लोगों को मारा होगा और इसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल होंगे। दिनदहाड़े लोगों कि हत्याएं करना इस संगठन के लिए बहुत आम बात है। सीआइए के एक नवीनतम आकलन में कहा गया है कि इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर चुके आतंकवादी समूह इसलामिक स्टेट के लड़ाकों की संख्या 31,500 से ज्यादा है और यह आंकड़ा पूर्व के अनुमान से करीब तीन गुना अधिक है। आइएसआइएस अलकायदा से टूट कर बना एक समूह है और इसने इराक तथा सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. इससे क्षेत्र में खतरा पैदा हो गया है. अलकायदा ने ग्रुप से अपने आपको दूर रखा है।
आज भारत में मुस्लिमो के विरूद्ध छोटी सी छोटी घटना को इतना तूल दिया जाता है और उसे नाक का प्रश्न बना दिया जाता है. किन्तु वैश्विक स्तर पर हो रही इस्लामिक हिंसा जिसमे करीब 5 लाख लोगो को जान से मार दिया गया उसे प्रति न तो भारत का मुस्लमान मुंह खोलने की स्थिति में है और न ही भारत के मुस्लिम परस्त नेता ही.
इस्लाम की वास्तविकता यह है कि इस्लाम एक लूटेरों का गिरोह था और कुरान इन लूटेरों की नियमावली जिसमे आतंक और हिंसा के नियम कायदे पंजीकृत किये गए थे. इस्लाम सिर्फ इस्लाम को मानने वालो का साथ रहने और खाने की अनुमति देता है और गैर मुस्लिमों के साथ कुछ भी आइएसआइएस अफ्रीका के देशों में कर रहा है वह किसी से छिपा नही है. आतंक की नियमावली कुरान गैर मुस्लिमों अनभिज्ञ है और इनका अनभिज्ञ होना भी आवश्यक है।
मानव एकता और भाईचारे के विपरीत कुरान का मूल तत्व और लक्ष्य इस्लामी एकता व इस्लामी भाईचारा है जैसा कि आईएसआईएस कर रहा है. मुसलमानों का गैर मुसलमानों के साथ मित्रता रखना कुरान में मना है और कुरान मुसलमानों को दूसरे धर्मो के विरूद्ध शत्रुता रखने का निर्देश देती है। कुरान के अनुसार जब कभी जिहाद हो ,तब गैर मुस्लिमों को देखते ही मार डालना चाहिए। कुरान में मुसलमानों को केवल मुसलमानों से मित्रता करने का आदेश है। सूरा 3 की आयत 118 में लिखा है कि, "अपने (मजहब) के लोगो के अतिरिक्त किन्ही भी लोगो से मित्रता मत करो।" लगभग यही बात सूरा 3 कि आयत 27 में भी कही गई है, "ईमानवाले मुसलमानों को छोड़कर किसी भी काफिर से मित्रता न करे।"
सन 1984 में हिंदू महासभा के दो कार्यकर्ताओं ने कुरान की 24 आयातों का एक पत्रक छपवाया । उस पत्रक को छपवाने पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया परन्तु न्यायालय ने कुरान और इस्लाम के विभिन्न साहित्यों के अध्यन से पाया कि ये आयते मुसलमानों को गैर मुसलमानों के प्रति द्वेषभावना भड़काती है. इस विश्लेषण के बाद तुंरत ही कोर्ट ने दोनों कार्यकताओं रिहा कर दिया और कोर्ट ने "कुरान मजीद का आदर करते उल्लेखित किया कि इन आयतों के सूक्ष्म अध्यन से पता चलता है कि निम्न आयते मुसलमानों को गैर मुसलमानों के प्रति द्वेषभावना भड़काती. "उन्ही आयतों में से कुछ आयतें निम्न है :-
  • "जब पवित्र महीने बीत जाए, तब काफ़िर जहा कही भी मिल जाए ,उन्हें घेर लो ,उन्हें पकड़ लो, हर जगह उनकी ताक में में छिपकर बैठो और उनपर अचानक हमला कर दो, उन्हें मार डालो |यदि वो प्रायश्चित करे, इस्लाम कबुल कर ले और नमाज पढ़े तो उन्हें छोड़ दो | वास्तब में अल्ला बहुत छ्मादानी और दयावान हैं " _कुरान :-सूरा 9 आयात 5 ||
  • "हे इमां वालो अपने पिता व भाइयों को अपना मित्र न बनाओ ,यदि वे इमां कि अपेक्षा कुफ्र को पसंद करें ,और तुमसे जो मित्रता का नाता जोडेगा तो ऐसे ही लोग जालिम होंगे। " सुरा 9 की आयत 23 इस आयत में नव प्रवेशी मुसलमानों को साफ आदेश है कि,जब कोई व्यक्ति मुस्लमान बने तो वह अपने माता , पिता, भाई सभी से सम्बन्ध समाप्त कर ले।
  • सुरा 4 की आयत 56 तो मानवता की क्रूरतम मिशाल पेश करती है कि ”जिन लोगो ने हमारी आयतों से इंकार किया उन्हें हम अग्नि में झोंक देगे। जब उनकी खाले पक जाएँगी ,तो हम उन्हें दूसरी खालों से बदल देंगे ताकि वे यातना का रसा-स्वादन कर लें। निसंदेह अल्लाह ने प्रभुत्वशाली तत्व दर्शाया है।”
  • सुरा 32 की आयत 22 में लिखा है “और उनसे बढकर जालिम कोन होगा जिसे उसके रब की आयतों के द्वारा चेताया जाए और फ़िर भी वह उनसे मुँह फेर ले।निश्चय ही ऐसे अप्राधिओं से हमे बदला लेना है।”
  • सुरा 9 ,आयत 123 में लिखा है की,” हे ईमानवालों, उन काफिरों से लड़ो जो तुम्हारे आस पास है, और चाहिए कि वो तुममे शक्ति पायें।”
  • सुरा 2 कि आयत 193उनके विरूद्ध जब तक लड़ते रहो, जब तक मूर्ती पूजा समाप्त न हो जाए और अल्लाह का मजहब(इस्लाम) सब पर हावी न हो जाए. ”
  • सूरा 26आयत 94 तो वे गुमराह (बुत व बुतपरस्त) औन्धे मुँह दोजख (नरक) की आग में डाल दिए जायंगे.”
  • सूरा 9, आयत 2 ”हे ईमानवालों (मुसलमानों) मुशरिक (मूर्ती पूजक) नापाक है। ”
  • गैर मुसलमानों को समाप्त करने के बाद उनकी संपत्ति ,उनकी औरतों ,उनके बच्चों का क्या किया जाए ? उसके बारे में कुरान ,मुसलमानों को उसे अल्लाह का उपहार समझ कर उसका भोग करना चाहिए।
  • सूरा 48,आयत 20 में कहा गया है ,…..”यह लूट अल्लाह ने दी है। ”
  • सूरा 8, आयत 69”उन अच्छी चीजो का जिन्हें तुमने युद्ध करके प्राप्त किया है,पूरा भोग करो।
  • सूरा 14, आयत 13 ”हम मूर्ती पूजकों को नष्ट कर देंगे और तुम्हे उनके मकानों और जमीनों पर रहने देंगे।”
  • मुसलमानों के लिए गैर मुस्लिमो के मकान व संपत्ति ही हलाल नही है, अपितु उनकी स्त्रिओं का भोग करने की भी पूरी इजाजत दी गई है।
  • सूरा 4,आयत 24”विवाहित औरतों के साथ विवाह हराम है , परन्तु युद्ध में माले-गनीमत के रूप में प्राप्त की गई औरतें तो तुम्हारी गुलाम है ,उनके साथ विवाह करना जायज है। ”
  • अल्बुखारी की हदीस जिल्द 4 सफा 88 में मोहम्मद ने स्‍वयं कहा है, “मेरा गुजर लूट पर होता है । ”
  • अल्बुखारी की हदीस जिल्द 1 सफा 199 में मोहम्मद कहता है ,.”लूट मेरे लिए हलाल कर दी गई है ,मुझसे पहले पेगम्बरों के लिए यह हलाल नही थी। ”
इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्‍य बोको हरम और आईएसआईएस द्वारा कुरान, हदीस, हिदाया, सीरतुन्नबी में उल्‍लेखित की गई बातों को लागू कर पूरे विश्व को इस्लाम बनाना है। इस्लाम के बुनयादी ग्रन्थ है। मुस्लिम धर्म ग्रन्‍थों मे मुसलमानों को दूसरे धर्म वालो के साथ क्रूरतम बर्ताव करके उनके सामने सिर्फ़ इस्लाम स्वीकार करना अथवा मृत्‍यु दो ही विचार रखने होते है।


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वज्रासन योग : विधि और लाभ



वज्रासन योग की सम्पूर्ण जानकारी – Vajrasana Yoga : Steps and Benefits
वज्रासन के आश्चर्यजनक फायदे (Benefits of Vajrasana)
वज्रासन के आश्चर्यजनक फायदे
वज्रासन का अर्थ है बलवान स्थिति। पाचनशक्ति, वीर्यशक्ति तथा स्नायुशक्ति देने वाला होने से यह आसन वज्रासन कहलाता है। समस्त योगआसनों (Yogasana) में वज्रासन ही एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन या नाश्ता करने के उपरांत तुरंत भी किया जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए वज्रासन अभ्यास अति लाभदायक होता है। वज्रासन हर उम्र का व्यक्ति सरलता से कर सकता है। इस कल्याणकारी आसन को अंग्रेज़ी में Diamond Pose कहा जाता है। यह आसन दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। वज्र का अर्थ कठोर/ मजबूत / प्रबल ऐसा होता है। शरीर में रक्त प्रवाह दुरुस्त करने और पाचनशक्ति (Digestive System) बढ़ाने के लिए वज्रासन एक उत्तम आसन बताया गया है। प्रतिदिन वज्रासन करने से जांघें और घुटनें मज़बूत बनते हैं। वज्रासन करने से कमर के निचले हिस्से से पैर तक के सारे स्नायुओं को कसरत मिलती है। तथा अधिक मात्रा में भोजन कर लेने के बाद होने वाली बेचैनी वज्रासन करने से दूर हो जाती है।
Baba Ramdev - Vajrasana - Meditative Asanas - Yoga Health Fitness
क्रियाः ध्यान मूलाधार चक्र में श्वास दीर्घ
विधिः बिछे हुए आसन पर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर एड़ियों पर बैठ जाएं। पैर के दोनों अंगूठे परस्पर लगे रहें। पैर के तलवों के ऊपर नितम्ब रहें। कमर बिल्कुल सीधी रहे, दोनों हाथ को कुहनियों से मोड़े बिना घुटनों पर रख दें। हथेलियाँ नीचे की ओर रहें। दृष्टि सामने स्थिर कर दें। पाँच मिनट से लेकर आधे घंटे तक वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। वज्रासन लगाकर भूमि पर लेट जाने से सुप्त वज्रासन होता है।

वज्रासन के आश्चर्यजनक फायदे
Baba Ramdev - Vajrasana - Meditative Asanas - Yoga Health Fitness
Vajrasana Ke Fayde - वज्रासन के लाभ - Benefits of Vajrasana
वज्रासन के अभ्यास से शरीर का मध्य भाग सीधा रहता है। श्वास की गति मन्द पड़ने से वायु बढ़ती है। आँखों की ज्योति तेज होती है। वज्रनाड़ी अर्थात वीर्यधारा नाड़ी मजबूत बनती है। वीर्य की ऊर्ध्वगति होने से शरीर वज्र जैसा बनाता है। लम्बे समय तक सरलता से यह आसन कर सकते हैं। इससे मन की चंचलता दूर होकर व्यक्ति स्थिर बुद्धि वाला बनाता है। शरीर में रक्ताभिसरण ठीक से होकर शरीर निरोगी एवं सुन्दर बनता है। भोजन के बाद इस आसन में बैठने से पाचन शक्ति तेज होती है। कब्ज दूर होता है। भोजन जल्दी हजम होता है। पेट की वायु का नाश होता है। कब्ज दूर होकर पेट के तमाम रोग नष्ट होते हैं। पाण्डु रोग से मुक्ति मिलती है। रीढ़, कमर, जांघ, घुटने और पैरों में शक्ति बढ़ती है। कमर और पैर का वायु रोग दूर होता है। स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। स्त्रियों के मासिक धर्म की अनियमितता जैसे रोग दूर होते हैं। शुक्र दोष, वीर्यदोष, घुटनों का दर्द आदि का नाश होता है। स्नायु पुष्ट होते हैं। स्फूर्ति बढने के लिए मानसिक निराशा दूर करने के लिए यह आसन उपयोगी है। ध्यान के लिये भी यह आसन उत्तम है। इसके अभ्यास से शारीरिक स्फूर्ति एवं मानसिक प्रसन्नता प्रकट होती है। दिन-प्रतिदिन शक्ति का संचार होता है इसलिए शारीरिक बल में खूब वृद्धि होती है। काग का गिरना अर्थात गले के टान्सिल्स, हड्डियों के पोल आदि स्थानों में उत्पन्न होने वाले श्वेतकण की संख्या में वृद्धि होने से आरोग्य का साम्राज्य स्थापित होता है। फिर व्यक्ति बुखार से सिरदर्द से, कब्ज से, मंदाग्नि से या अजीर्ण जैसे छोट-मोटे किसी भी रोग से पीडि़त नहीं रहता, क्योंकि रोग आरोग्य के साम्राज्य में प्रविष्ट होने का सााहस ही नहीं कर पाते।
  1. शरीर को सुडौल बनाए रखता है और वजन कम करने में मददगार हैं।
  2. महिलाओ में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती हैं।
  3. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं और मन की चंचलता को दूर कर एकाग्रता बढ़ाता हैं।
  4. अपचन, गैस, कब्ज इत्यादि विकारो को दूर करता हैं और पाचन शक्ति बढ़ाता हैं।
  5. यह प्रजनन प्रणाली को सशक्त बनाता हैं।
  6. सायटिका से पीड़ित व्यक्तिओ में लाभकर हैं।
  7. इस आसन को नियमित करने से घुटनों में दर्द, गठिया होने से बचा जा सकता हैं।
  8. पैरो के मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं में यह आसन मददगार हैं।
  9. इस आसान में धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे लेने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
वज्रासन से नितम्ब (Hips), कमर (Waist) और जांघ (Thigh) पर जमी हुई अनचाही चर्बी (Fats) कम हो जाती हैं और उच्च रक्तचाप कम होता हैं।
 वज्रासन योग : विधि और लाभ


वज्रासन कैसे करें – How to do Vajrasana Yoga
 Vajrasana kaise kare - वज्रासन योग करने की विधि - How to do Vajrasana
  1. भोजन करने के 5 मिनट बाद एक समान, सपाट और स्वच्छ जगह पर कम्बल या अन्य कोई आसन बिछाए। दोनों पैर सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाए।
  2. इसके बाद बाए (Left) पैर का घुटने को मोड़कर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए।
  3. अब दाए (Right) पैर का घुटना भी मोड़कर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए और नितम्ब (Hips) दोनों एड़ियों (Ankle) के बीच आ जाए।
  4. दोनों पैर के अंगूठे (Great Toe) एक दूसरे से मिलाकर रखे।दोनों एड़ियो में अंतर बनाकर रखे और शरीर को सीधा रखे।
  5. अपने दोनों हाथो को घुटने पर रखे और धीरे-धीरे शरीर को ढीला छोड़े।
  6. आँखे बंद कर रखे और धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे ले और छोड़े।
इस आसन को आप जब तक आरामदायक महसूस करे तब तक कर सकते हैं। शुरुआत में केवल 2 से 5 मिनट तक ही करे।

वज्रासन की समय सीमा – Time Duration Of Vajrasana
वज्रासन सुबह मेँ खाली पेट भी किया जा सकता है और भोजन के बाद भी किया जा सकता है। शुरुआत मेँ वज्रासन तीन से पाँच मिनट तक करना चाहिए। अभ्यास बढ़ जाने पर इसे अधिक समय तक (दस मिनट तक) भी किया जा सकता है।पैर दुखने लगें या कमर दर्द होने लगे उतनी देर तक वज्रासन मेँ नहीं बैठना है। 

वज्रासन से जुड़ी सावधानियां एवं नुकसान - /Precaution/Side-Effects Of Vajrasana
  1. वज्रासन करने पर चक्कर आनें लगे, पीठ दर्द होने लगे, टखनें दुखने लगें, घुटनें या शरीर के कोई भी अन्य जौड़ अधिक दर्द करें लगे तो फौरन इस आसन का अभ्यास रोक कर डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  2. एड़ी के रोग से पीड़ित व्यक्ति वज्रासन न करे।
  3. अगर वज्रासन करने पर आपको कमर दर्द, कमजोरी या चक्कर आने जैसे कोई समस्या हो तो आसन बंद कर अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
  4. गर्भवती महिलाओं को वज्रासन बिलकुल “नहीं” करना चाहिए।
  5. वज्रासन करने वाले व्यक्ति को यह आसन हड़बड़ी में नहीं करना चाहिए। टखनें, घुटनें, या एड़ियों पर किसी भी तरह का ऑपरेशन कराया हों, उन्हे यह आसन बिलकुल नहीं करना चाहिए। हड्डियों मेँ कम्पन की बीमारी वाले व्यक्ति को यह आसन नहीं करना चाहिए। 
वज्रासन (डायमंड मुद्रा) 
वज्रासन (डायमंड मुद्रा)

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