जय बजरंग बली तोड दुश्मन की नली

आज हनुमान जयंती है, ये वही हनुमान जी है जिन्हे हम बजरंग बली के नाम से जानते है। प्रयागराज के बारे मे विख्यात है कि जितने हनुमान मन्दिर है उतने किसी देवी देकता के नही है। प्रयाग मे जितने भी मन्दिर मे जाइये, कुछ अपवाद को छोडकर आपको हर जगह हनुमान जी की मूर्ति अवश्य मिलेगी। ‘प्रयागराज के रक्षक’ के रूप मे संकट मोचन के हर गली चौराहे पर एक न एक मन्दिर अवश्य मिल जायेगा। हनुमान मंदिरों के बारे मे विख्यात है कि हनुमान जी का मन्दिर सर्वाधिक प्रयागराज मे ही है।
- हनुमान एक रूप अनेक, हनुमान जी के विभिन्न मन्दिरों त्रिपौलियां मे स्थित बाल स्वरूप मे विराजमान है। हनुमान जी का यह स्वरूप अद्भुत एवं दुर्लभ है।
- दूसरा प्रमुख मन्दिर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समीप स्थित है जिन्हें न्यायप्रिय हनुमान जी कहा जाता है।जहां पर वे विप्र रूप मे स्थित है इस प्रतिमा की खास विशेषता यह है कि यह आशीर्वाद या अभय देने की मुद्र मे है, और यह मूर्ति संगमरमर की है जिसके कारण इस पर कभी सिन्दूर नही लगाया जाता है। ये हनुमान जी प्राय: लड्डूओं मे ही खेलते है कारण भी है, प्राय: केस की जीत पर जीतने वाले के द्वारा लड्डूओ की बौछार की जाती है।
- सिविल लाइन्स स्थित हनुमन्त निकेतन यहां पर हनुमान जी की सर्वांग स्वरूप प्रतिमा भगवान का जीतेनद्रीय रूप है, यहां कि विशेषता यह है कि यहां मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा होती है और अपार भीड देखने को मिलती है। इस मन्दिर मे भीड देखना हो तो जग हाईस्कूल और इण्टर का रिजल्ट निकलता है तब पूरा का पूरा जन समुदाय उमड़ पड़ता है। जैसे हाल मे ही रिलीज किसी सुपर-डुपर हिट फिल्म का फर्स्ट शो का टिकट मिल रहा है।
- त्रिवेणी संगम के पास लेटे हुये बडे हनुमान जी का सिद्ध मंदिर, कहते है कि एक व्यापारी इसे नाव से ले जा रहा था, पर नाव किले के पास डूब गई, और बाद मे बाद्यंबरी बाबा ने अपनी साधना से मन्दिर मे मूर्ति को स्थापित किया। यह वही मन्दिर है जहां पर प्रतिवर्ष तीनों पवित्र नदियां हनुमान जी को स्नान कराती है। हनुमान जी के इस मन्दिर के विषय मे मान्यता है कि मुगल शासको ने इस मन्दिर की मूर्ति को निकालने का प्रयास किया किन्तु यह निकनले के बजाय अन्दर की ओर जाती रही और इसी के साथ यह लेटे हुऐ हनुमान के रूप मे विख्यत हो रहे है।
- एक अन्य मन्दिर दारागंज रेलवे स्टेशन के नीचे छोटे हनुमान जी का है, जिसकी स्थापना शिवाजी महाराज के गुरू समर्थ गुरू रामदास ने किया था।
- रामबाग स्थित हनुमान मन्दिर मे दक्षिणमुखी प्रतिमा विद्यमान है कहते है कि पहले यह प्रतिमा ऊपर थी, बाद मे एक दिन छत टूट कर नीचे आ गई पर खडिंत नही हुई तब से नीचे ही स्थापित है।
- यह मेरी ओर से हनुमान जयंती पर इलाहाबाद के मन्दिर के बारे मे जानकारी थी, कई मन्दिर और भी है पर वे मेरी जानकारी मे नही है। अगर वाराणसी मंदिरों का शहर है तो प्रयाग हनुमान मन्दिरों का और आप सभी को हनुमान जयंती तथा दीपोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाऐ।
हनुमान जी के 12 नाम, बनाएंगे बिगड़े काम
इस कलियुग में हनुमान जी के 12 नाम मनुष्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। हनुमान जी को कलियुग में सबसे प्रभावशाली और इस धरती पर विचरण करने वाले देवताओं में एक माना गया है। माना जाता है कि हनुमान जी चिरंजीवी हैं इन्हें कभी भी मृत्यु नहीं आई। त्रेता युग से लेकर कलियुग में भी यह ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करके श्रीराम की भक्ति में लगे हुए हैं। इसका परिणाम यह है कि इनके मुख पर आज भी तेज रहता है जो कि इनकी भक्ति करने पर अहसास होता है। श्री राम के परम भक्त हनुमान जी को अपनी अगाध श्रद्धा के चलते उनसे अष्टसिद्धी और नवनिधि का वरदान मिला। इन्हीं के चलते पवनपुत्र कलियुग में अपने उपासकों का कल्याण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस युग में अगर भक्त सिर्फ हनुमान के बारह नामों का स्मरण और जाप करते रहें तो उनकी सारी तकलीफें, समस्याएं, व्याधियां दूर हो सकती हैं।
अंजनी पुत्र हनुमान को संकट मोचन भी कहा जाता है। जितना ही प्रभावशाली बजरंगबली हनुमान का नाम व स्वरूप है उतना ही प्रभावशाली इनके 12 नाम भी हैं। जिसके एक बार जाप करने से सभी संकटों से छुटकारा पाया जा सकता है। पवनपुत्र हनुमान श्रीराम का नाम भजने के साथ-साथ अपने और श्रीराम के भक्तों पर कृपा करते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। हनुमान जी के बारह नाम का स्मरण करने से ना सिर्फ उम्र में वृद्धि होती है बल्कि समस्त सांसारिक सुखों की प्राप्ति भी होती है। बारह नामों का निरंतर जप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमान जी महाराज दसों दिशाओं एवं आकाश-पाताल से रक्षा करते हैं।
प्रस्तुत है केसरी नंदन बजरंग बली के 12 चमत्कारी और असरकारी नाम :
- हनुमान- जब देवराज इंद्र ने अपने वज्र से हनुमान जी की ठोढ़ी पर प्रहार किया जिसके चलते वह टूट गई। ठोढ़ी को संस्कृत में हनु भी कहा जाता है। इस घटना के बाद से ही उनका नाम हनुमान रखा गया था।
- अंजनिसुत- हनुमान जी की माता का नाम अंजनि था इसीलिए उन्हें अंजनिसुत के नाम से बुलाया जाता है। अपनी माता के नाम से बुलाया जाना हनुमान को अत्यंत प्रिय है।
- वायुपुत्र- वायु के देवता पवनदेव के वरदान से माता अंजनि ने गर्भ धारण किया और हुनमान को जन्म दिया इसीलिए वे वायुपुत्र भी कहलाते हैं।
- महाबल- श्री हनुमान महाबलशाली माने जाते हैं इस अपरिमित बल के चलते उन्हें महाबल कहा जाता है।
- रामेष्ट- श्री राम हनुमान के आराध्य है और वे उनके अति प्रिय भी हैं इसीलिए वे रामेष्ट हैं।
- फाल्गुनसखा- महाभारत के परम वीर अर्जुन का एक नाम फाल्गुन है और वे हनुमान जी के परम मित्र हैं इसलिए उन्हें फाल्गुन सखा कहते हैं।
- पिंगाक्ष- बजरंग बली के नेत्रों का रंग भूरा है इसलिए उन्हें पिंगाक्ष भी कहते हैं।
- अमितविक्रम- ऐसा कोई जिसका कौशल अद्भुत हो और वो सदैव विजयी हो तो वो अमितविक्रम कहलाता है।
- उदधिक्रमण- सीता जी की तलाश में हनुमान जी ने समुद्र को लांघ लिया था और उदद्धि समुद्र का पर्यावाची है। तो सुद्र को लांघने वाला उदद्धिक्रमण कहलाता है यानी हनुमान।
- सीताशोकविनाशन- अशोक वाटिका में माता सीता को तलाश कर उनके शोक का नाश करने वाले हनुमान जी सीताशोकविनाशक कहलाते हैं।
- लक्ष्मणप्राणदाता- लक्ष्मण जी की प्राण रक्षा के लिए संजीवनी बूटी की कामना करने पर हनुमान जी पूरा पर्वत उठा लाये थे और उनके प्राण दाता बने।
- दशग्रीवदर्पहा- रावण के घमंड को चूर करने वाले हनुमान जी ये नाम उनकी इसी विशेषता को व्यक्त करता है।
बजरंग बली हनुमान नाम की अलौकिक महिमा
- सुबह ब्रह्म मूर्हूत में सो कर उठते ही जिस अवस्था में भी हो बारह नामों को 11 बार लेने वाला व्यक्ति दीर्घायु होता है और नित्य नियम के समय नाम लेने से इष्ट की प्राप्ति होती है।
- दोपहर में नाम लेने वाला व्यक्ति धनवान होता है। दोपहर संध्या के समय नाम लेने वाला व्यक्ति पारिवारिक सुखों से तृप्त होता है।
- रात्रि को सोते समय नाम लेने वाले व्यक्ति की शत्रु से जीत होती है।
- उपरोक्त समय के अतिरिक्त इन बारह नामों का निरंतर जप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमान जी महाराज दसों दिशाओं एवं आकाश पाताल से रक्षा करते हैं।

बजरंगबली हनुमान का आर्शीवाद
- बोलो बजरंगबली की जय - हनुमान जी के जन्म की कथा
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11 टिप्पणियां:
बोलो लाल लंगोटे वाले की जय !
यह तो संक्षिप्त ज्ञान-कोष हो गया.
जय बजरंगबली.
जय बजरंग बली ।
ज्ञानवर्धक लेख।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बोलो बजरंग बली की ...जय!!!!!
आज हनुमान जयंती शुक्रवार को. क्या हुआ मंगलवार का? शनिवार का?
हां पवन-पुत्र भी एक आधार हैं
दीप का पर्व, हम तुम मना जो रहे
आपने ज्ञान की बून्दियां बाँट कर
कितनी खुशियां बढ़ाईं भला क्या कहें
वो जो शुक्लाजी कहते हैं मंगल-शनि
उसके बारे में मेरा यही ज्ञान है
मैं जहां हूँ वहां पर तो हर पर्व ही
शुक्र की सांझ को या शनि को मने:-)
वाह भाई, काफी जानकारी परोस दी. अब थोड़ा फोटो वोटो का भी इंतजाम करो, तो दर्शन भी हो जायें बजरंग बली के :)
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
बजरंग बली की ...जय!!!!!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
इलाहाबाद मे गंगा किनारे हनुमान जी लेटे हुये हैं, अरे भाई, उनके ही दर्शन करा देते.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
आप सभी का धन्यवाद कि लेख को प्ाढा तथा मेरा उत्साह वर्धन किया।
फोटो भी देने का प्रयास करूंगा।
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