ठंडी मे जो मजा ठंडे पानी नहाने का वह गरम पानी से नही, अभी 10 मिनट पहले नहाया हूँ, नहाने के बाद ठंड नाम की कोई चीज लग ही नही रही है। दो वर्ष पूर्व घर मे ही किसी ने कहा कि माघ मास मे गर्म पानी से नही नहाना चाहिये जो पानी सामान्य तारीके से प्राप्त हो उसी से नहाना चाहिये।
माघ मास मे प्रयाग(इलाहाबाद) मे लाखो करोड़ो की संख्या मे श्रद्धालु आते है और गंगा मॉ के आंचल मे स्नान करते है। माघ मास के सन्दर्भ मे पौराणिक माहात्म्य का वर्णन किया गया है कि व्रत दान व तपस्या से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी माघ मास में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानमात्र से होती है।चूकिं यह भी कहा जाता है कि यह ऐसा पुण्य मास होता है कि आपको जहाँ भी उपलब्ध जल मिल वह गंगा जल की भातिं पुण्य दायी होता है।
मै तो कहूँगा कि जिनको ठंड़ी ज्यादा लगती है वो ठंठे पानी से प्रात: 6 बजे तक स्नान आदि कर ले, ठंठ तो उन्हे लगेगी नही और माघ मास मे स्नान से मिलने वाले पुण्य से भी वो लाभान्वित होते रहेगे। :)
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4 टिप्पणियां:
ठंडे पानी से नहाने के बाद जो गर्माहट आती है शरीर में, वह बहुत से रोग मिटा देती है।
नए वर्ष पर शुभकामनायें प्रमेन्द्र !
ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिये, गाना आये या न आये गाना चाहिये...
बात तो सही है, बचपन में हम नहाते भी थे पर अब आदत रही नही। अब नहीं नहाया जाता ठंडे पानी से, मुझे तो सोचकर ही ठंड लग रही है।
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