भारतीय राजव्यवस्था के कुछ तथ्य



  • राजनीति विज्ञान की दृष्टि से भारत है- एक राज्य
  • उत्तर प्रदेश है- एक प्रांत या इकाई
  • भारत है- एक गणराज्य
  • गणराज्य का अर्थ है- राज्य का सर्वोच्च पदाधिकारी जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से निर्वाचित हो।
  • भारत में राज्य का प्रधान है- राष्ट्रपति
  • भारत में शासन का प्रधान है- प्रधानमंत्री
  • राष्ट्रपति नाम मात्र का शासक है जबकि प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद वास्तविक ।
  • भारत में संसदात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया गया है जबकि अमेरिका में  अध्क्षात्मक को।
  • संसदात्मक शासन व्यवस्था में वास्तविक कार्यपालिका संसद में से ली जाती है तथा उसी के प्रति उत्तरदायी होती है।
  • राष्ट्रपति निर्वाचित होता है जबकि प्रधानमंत्री नियुक्त।
  • राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रुप से होता है।
  • राष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनो सदनों व प्रांतीय विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
  • मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग नहीं लेते हैं।
  • प्रांतीय विधान परिषदों  के सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग नहीं लेते हैं।
  • राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत प्रणाली से होता है।
  • राष्ट्रपति बनने के लिए लोकसभा सदस्य बनने के लिए आवश्यक योग्यता तथा 35 वर्ष की आयु चाहिए।
  • राष्ट्रपति के पुनर्निवाचन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
  • राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अथवा उनकी अनुपस्थिति में वरिष्ठतम न्यायाधीश शपथ दिलाते हैं।
  • राष्ट्रपति का कार्यकाल शपथ ग्रहण की दिनांक से प्रारंभ होता है न कि निर्वाचित होने की दिनांक से।
  • राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है।
  • राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति तथा उनकी भी अनुपस्थिति में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति के रुप में कार्य करते हैं।
  • राष्ट्रपति के वेतन तथा भत्ते भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं।
  • भारत में दो निधियां हैं- संचित तथा आकस्मिक निधि।
  • महाभियोग केवल राष्ट्रपति पर लगाया जाता है अन्य पदाधिकारियों पर केवल पद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया जाता है।
  • महाभियोग से पूर्व राष्ट्रपति को 14 दिन का नोटिस देना आवश्यक है।
  • राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंपते हैं।
  • मंत्रिपरिषद संवैधानिक संस्था है जबकि मंत्रिमण्डल गैरसंवैधानिक।
  • मंत्रिपरिषद में 3 स्तर के मंत्री होते हैं- केबीनेट,राज्य तथा उप मंत्री।
  • मंत्रिमण्डल में केवल केबीनेट स्तर के।
  • प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संसद के सदस्य बने बिना कोई व्यक्ति 6 माह तक प्रधानमंत्री या मंत्री रह सकता है।
  • किसी भी दल को बहुमत प्राप्त न होने अथवा बहुमत दल में कोई सर्वमान्य नेता उपलब्ध न होने की स्थिति में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति में स्वविवेक का प्रयोग कर सकते हैं।
  • मंत्रियों की नियुक्ति में राष्ट्रपति स्वविवेक का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
  • आपात काल के 3 प्रकार हैं- राष्ट्रीय, राज्य तथा वित्तीय।
  • आपात काल मंत्रिपरिषद के लिखित परामर्श पर राष्ट्रपति द्वारा लागू किया जाता है।
  • उपराष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं।
  • उपराष्ट्रपति के चुनाव में केवल संसद के सदस्य भाग लेते हैं, राज्य विधानसभा सदस्य नहीं।
  • उपराष्ट्रपति को अपने पद का कोई वेतन नहीं मिलता, उन्हे राज्यसभा के सभापति होने के नाते वेतन मिलता है।
  • राज्यसभा का सदस्य ना होते हुए भी उपराष्ट्रपति इसके पदेन सभापति होते हैं।


Share:

तुलसी रचित श्री राम चरित् मानस के चुनिंदा अंश



  • "बचन परम हित सुनत कठोरे। सुनहिं जे कहहिं ते नर प्रभु थोरे।।"
    सुनने में कठोर परन्तु हितकारी वचन कहने व सुनने वाले मनुष्य बहुत थोडे हैं।
  • "नारि सुभाउ सत्य सब कहहिं। अवगुन आठ सदा उर रहहीं।।
    साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक असौच अदाया।।"

    नारी के हृदय में आठ अवगुण सदा रहते हैं-साहस, झूठ, चंचलता, छल, भय, अविवेक,अपवित्रता व निर्दयता।
  • "प्रीति विरोध समान सन करिअ नीति असि आहि।
    जौं मृगपति बध मेडुकन्हि भल कि कहई कोउ ताहि।।"

    प्रीति और वैर बराबरी वालों से ही करना चाहिए, नीति ऐसी ही है; सिंह यदि मेंढकों के मारे तो क्या उसे कोई भला कहेगा।
  • "काल दंड गहि काहु न मारा हरइ धर्म बल बुद्धि बिचारा।"काल दंड(लाठी) लेकर किसी को नहीं मारता; वह तो धर्म,बल बुद्धि व विचार को हर लेता है।
  • "सुत, बित, नारि भवन परिवारा। होहिं जाहिं जग बारहिं बारा।।
    अस बिचारि जागहु ताता। मिलइ न जगत सहोदर भ्राता।।"

    पुत्र,धन,स्त्री,घर और परिवार; ये जगत में बार-बार होते हैं और जाते हैं,परन्तु जगत में सहोदर भाई बार बार नहीं मिलता।
  • "पर उपदेस कुसल बहुतेरे। जे आचरहिं ते नर न घनेरे।।’
    पर द्रोही पर दार रत पर धन पर अपवाद।ते नर पाँवर पापमय देह धरें मनुजाद।।"

    जो दूसरों से द्रोह करते हैं, परायी स्त्री, पराया धन, परायी निन्दा में आसक्त रहते हैं वे पापमय मनुष्य नर शरीर धारण किए हुए राक्षस ही हैं।
  • "श्री मद बक्र न कीन्ह केहि प्रभुता बधिर न काहि।
    मृग लोचनि के नैन सर को अस लाग न जाहि।।"

    लक्ष्मी के मद् ने किसको टेढा और प्रभुता ने किसको बहरा न कर दिया? ऐसा कौन है जिसे मृगनयनी के नेत्र बाण न लगे हों।
  • "नारि बिबस नर सकल गौसाईं। नाचहिं नट मर्कट की नाईं।।"
    सभी मनुष्य स्त्रियों के विशेष वश में हैं और (कलियुग में) बाजीगर के बंदर की तरह नाचते हैं।


Share:

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान के प्रश्न उत्तर



भारतीय राजव्यवस्था
  1. लोक सभा तथा राज्यसभा की संयुक्त बैठक कब होती है? → संसद का सत्र शुरू होने पर
  2. किस व्यक्ति ने वर्ष 1922 में यह माँग की कि भारत के संविधान की संरचना हेतु गोलमेज सम्मेलन बुलाना चाहिए? → मोती लाल नेहरू
  3. कांग्रेस ने किस वर्ष किसी प्रकार के बाह्य हस्तक्षेप के बिना भारतीय जनता द्वारा संविधान के निर्माण की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया था? → 1936
  4. वर्ष 1942 में किस योजना के तहत यह स्वीकार किया गया कि भारत में एक निर्वाचित संविधान सभा का गठन होगा, जो युद्धोपरान्त संविधान का निर्माण करेगी? → क्रिप्स योजना
  5. राज्यसभा के लिए नामित प्रथम फ़िल्म अभिनेत्री कौन थीं? → नरगिस दत्त
  6. संविधान संशोधन कितने प्रकार से किया जा सकता है? → 5
  7. संविधान सभा के लिए चुनाव कब निश्चित हुआ? → जुलाई 1946
  8. संविधान सभा को किसने मूर्त रूप प्रदान किया? → जवाहरलाल नेहरू
  9. भारत में कुल कितने उच्च न्यायालय हैं? → 21
  10. संविधान सभा की प्रथम बैठक कब हुई थी? → 9 दिसम्बर, 1946
  11. राष्ट्रपति चुनाव संबंधी मामले किसके पास भेजे जाते हैं? → उच्चतम न्यायालय
  12. प्रथम लोकसभा का अध्यक्ष कौन था?→ जी. वी. मावलंकर
  13. पहली बार राष्ट्रपति शासन कब लागू किया गया? → 20 जुलाई, 1951
  14. संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकता के सम्बन्ध में संसद ने एक व्यापक नागरिकता अधिनियम कब बनाया? → 1955
  15. प्रधानमंत्री बनने की न्यूनतम आयु है? → 25 वर्ष
  16. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन कब हुआ?→ सितम्बर 1946
  17. मुस्लिम लीग कब अंतरिम सरकार में शामिल हुई? → अक्टूबर 1946
  18. संविधान सभा की पहली बैठक किस दिन शुरू हुई? → दिसम्बर 1946
  19. संविधान सभा का पहला अधिवेशन कितनी अवधि तक चला? → 9 दिसम्बर 1946 से 23 दिसम्बर 1946
  20. देश के स्वतंत्र होने के पश्चात संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई? → 31 अक्टूबर 1947
  21. संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष किसे चुना गया? → सच्चिदानन्द सिन्हा
  22. संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष कौन था? → डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
  23. संविधान निर्माण की दिशा में पहला कार्य ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ था 22 जनवरी 1947 को यह प्रस्ताव किसने प्रस्तुत किया? → जवाहरलाल नेहरू
  24. भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का चुनाव किया गया था? → संविधान सभा द्वारा
  25. भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, भारत के शासन की सर्वोच्च सत्ता किसमें निहित्त है?→ जनता
  26. भारत के प्रथम सिख प्रधानमंत्री कौन है? → मनमोहन सिंह
  27. प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देने वाले प्रथम व्यक्ति कौन हैं?→ मोरारजी देसाई
  28. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति कौन करता है? → राष्ट्रपति
  29. भारतीय संविधान के किस भाग को उसकी ‘आत्मा’ की आख्या प्रदान की गयी है?→ प्रस्तावना
  30. केरल का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है? → एर्नाकुलम
  31. राज्यसभा के लिए प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों का निर्वाचन कौन करता है? → विधानसभा के निर्वाचित सदस्य
  32. 31वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या कितनी निर्धारित की गयी है? → 545
  33. हरियाणा राज्य कब बना था? → 1 नवम्बर, 1966
  34. दीवानी मामलों में संसद के सदस्यों को किस दौरान गिरफ्तार नहीं किया जा सकता? → संसद के सत्र के दौरान, संसद के सत्र आरम्भ होने के 40 दिन पूर्व तक, संसद के सत्र आरम्भ होने के 40 दिन बाद तक
  35. संघीय मंत्रिपरिषद से त्यागपत्र देने वाले प्रथम मंत्री कौन थे?→ श्यामा प्रसाद मुखर्जी
  36. भारत के संपरीक्षा और लेखा प्रणालियों का प्रधान कौन होता है? → भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
  37. लोकसभा के अध्यक्ष को कौन चुनता है? → लोकसभा के सदस्य
  38. कौन उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनी? → सुचेता कृपलानी
  39. प्रथम लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या कितनी थी?→ 1874
  40. भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री कौन रहे हैं? → सरदार वल्लभ भाई पटेल
  41. सबसे लम्बी अवधि तक एक ही विभाग का कार्यभार संभालने वाले केंद्रीय मंत्री कौन थे? → राजकुमारी अमृत कौर
  42. दादरा एवं नगर हवेली किस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है? → मुंबई उच्च न्यायालय
  43. मूल संविधान में राज्यों को कितने प्रवर्गों में रखा गया? → 4
  44. लोकसभा की सदस्यता के लिए उम्मीदवार को कितने वर्ष से कम नहीं होना चाहिए?→ 25 वर्ष
  45. भारतीय संविधान किस दिन से पूर्णत लागू हुआ? → 26 जनवरी, 1950
  46. पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कब की गई? → 26 अक्टूबर, 1962
  47. डोगरी भाषा किस राज्य में बोली जाती है? → जम्मू और कश्मीर
  48. भारत के नागरिकों को कितने प्रकार की नागरिकता प्राप्त है? → एक
  49. भारतीय स्वाधीनता अधिनियम को किस दिन ब्रिटिश सम्राट की स्वीकृति मिली? → 21 जुलाई 1947
  50. भारतीय संविधान कितने भागों में विभाजित है? → 22
  51. केन्द्र और राज्य के बीच धन के बँटवारे के सम्बन्ध में कौन राय देता है?→ वित्त आयोग
  52. किस तरह से भारतीय नागरिकता प्राप्त की जा सकती है? → जन्म, वंशानुगत, पंजीकरण
  53. भारतीय संविधान ने किस प्रकार के लोकतंत्र को अपनाया है? → लोकतांत्रिक गणतंत्र
  54. केन्द्रीय मंत्रिपरिषद का अध्यक्ष कौन होता है? → प्रधानमंत्री
  55. जब भारत स्वतंत्र हुआ, उस समय कांग्रेस का अध्यक्ष कौन था? → जे. बी. कृपलानी
  56. मूल संविधान में राज्यों की संख्या कितनी थी? → 27
  57. 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में किन शब्दों को नहीं जोड़ा गया? → गुटनिरपेक्ष
  58. किस राज्य के विधान परिषद की सदस्य संख्या सबसे कम है? → जम्मू-कश्मीर
  59. भारत में किस प्रकार की शासन व्यवस्था अपनायी गयी है? → ब्रिटिश संसदात्मक प्रणाली
  60. भारत की संसदीय प्रणाली पर किस देश के संविधान का स्पष्ट प्रभाव है? → ब्रिटेन
  61. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों की प्रेरणा किस देश के संविधान से मिली है? → आयरलैण्ड
  62. भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया किस देश के संविधान से प्रभावित है? → दक्षिण अफ्रीका
  63. भारतीय संघ में सम्मिलित किया गया 28वाँ राज्य कौन-सा है। → झारखण्ड
  64. हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा कब प्रदान किया गया? → 1971 में
  65. पहला संवैधानिक संशोधन अधिनियम कब बना? → 1951
  66. राष्ट्रपति पद के निर्वाचन हेतु उम्मीदवार की अधिकतम आयु कितनी होनी चाहिए? → कोई सीमा नहीं
  67. भारत का संविधान कब अंगीकृत किया गया था? → 26 नवम्बर,1949
  68. किस वर्ष गांधी जयंती के दिन केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की स्थापना की गयी? → 1985
  69. विधान परिषद को समाप्त करने वाला आखिरी राज्य कौन है? → तमिलनाडु
  70. लोकसभा का सचिवालय किसकी देखरेख में कार्य करता है? → संसदीय मामले के मंत्री
  71. ‘विधान परिषद’ का सदस्य होने के लिए कम से कम कितनी आयु होनी चाहिए? → 30 वर्ष
  72. “राज्यपाल सोने के पिंजरे में निवास करने वाली चिड़िया के समतुल्य है।” यह किसका कथन है? → सरोजिनी नायडू
  73. देश के किस राज्य में सर्वप्रथम गैर-कांग्रेसी सरकार गठित हुई? → 1957, केरल
  74. किस राज्य की विधान परिषद की सदस्य संख्या सर्वाधिक है? → उत्तर प्रदेश
  75. प्रत्येक राज्य में अनुसूचित जाति और जनजातियों की सूची कौन तैयार करता है? → प्रत्येक राज्य के राज्यपाल के परामर्श से राष्ट्रपति
  76. भारतीय संविधान में तीन सूचियों की व्यवस्था कहाँ से ली गयी है? → भारत शासन अधिनियम 1935 से
  77. किस वर्ष सिक्किम को राज्य का दर्जा दिया गया था? → 1975 में
  78. जनता पार्टी के शासन के दौरान भारत के राष्ट्रपति कौन थे? → नीलम संजीव रेड्डी
  79. कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं, इसका निर्णय कौन करता है?→ लोकसभा का अध्यक्ष
  80. दल-बदल से सम्बन्धित किसी प्रश्न या विवाद पर अंतिम निर्णय किसका होता है? → सदन के अध्यक्ष
  81. 1922 में किस व्यक्ति ने मांग की थी कि भारत की जनता स्वयं अपने भविष्य का निर्धारण करेगी? → महात्मा गांधी
  82. संसद पर होने वाले ख़र्चों पर किसका नियंत्रण रहता है? → नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
  83. राज्यसभा की पहली महिला महासचिव कौन हैं? → वी. एस. रमा देवी
  84. संसद का कोई सदस्य अपने अध्यक्ष की पूर्वानुमति लिये बिना कितने दिनों तक सदन में अनुपस्थित रहे, तो उसका स्थान रिक्त घोषित कर दिया जाता है? → 60 दिन
  85. पांडिचेरी को किस वर्ष भारतीय संघ में सम्मिलित किया गया? → 1962
  86. भारत का संविधान भारत को किस प्रकार वर्णित करता है? → राज्यों का संघ
  87. वह कौन सी सभा है, जिसका अध्यक्ष उस सदन का सदस्य नहीं होता है? → राज्य सभा
  88. पूरे देश को कितने क्षेत्रीय परिषदों में बाँटा गया है? → 5
  89. क्या पंचायतों को कर लगाने का अधिकार है? → हाँ
  90. जवाहरलाल नेहरू के निधन के पश्चात किसने प्रधानमंत्री पद ग्रहण किया? → गुलजारी लाल नन्दा
  91. राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत किस ज़िले से हुई? → नागौर
  92. किसकी सिफारिश पर संविधान सभा का गठन किया गया? → कैबिनेट मिशन योजना
  93. संविधान सभा में विभिन्न प्रान्तों के लिए 296 सदस्यों का निर्वाचन होना था। इनमें से कांग्रेस के कितने प्रतिनिधि निर्वाचित होकर आए थे? → 208
  94. कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार, संविधान सभा के कुल कितने सदस्य होने थे? → 389
  95. किसी क्षेत्र को ‘अनुसूचित जाति और जनजाति क्षेत्र’ घोषित करने का अधिकार किसे है? → राष्ट्रपति
  96. पुनर्गठन के फलस्वरूप वर्ष 1947 में संविधान सभा के सदस्यों की संख्या कितनी रह गयी? → 299
  97. संविधान सभा में किस देशी रियासत के प्रतिनिधि ने भाग नहीं लिया था?→ हैदराबाद
  98. भारतीय संविधान में किस अधिनियम के ढांचे को स्वीकार किया गया है? → भारत शासन अधिनियम 1935
  99. मुस्लिम लीग ने संविधान सभा का बहिष्कार किस कारण से किया? → मुस्लिम लीग मुस्लिमों के लिये एक अलग संविधान सभा चाहता था
  100. वर्ष 1938 में किस व्यक्ति ने व्यस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा के गठन की मांग की? → जवाहरलाल नेहरू 


भारतीय विधि से संबधित महत्वपूर्ण लेख



Share:

भारतीय संसद के तीन अंग राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा



The Parliament of India is the supreme legislative body in India. Indian-Parliament-President-Rajya-Sabha-and-Lok-Sabha
संसद (पार्लियामेंट) भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। यह द्विसदनीय व्यवस्था है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन- लोकसभा (लोगों का सदन) एवं राज्यसभा (राज्यों की परिषद) होते हैं। राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या स्थगित करने अथवा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है। भारतीय संसद का संचालन 'संसद भवन' में होता है। जो कि नई दिल्ली में स्थित है। लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या ५५२ है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें सदस्य संख्या २५० है। राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन / मनोनयन ६ वर्ष के लिए होता है। जिसके १/३ सदस्य प्रत्येक २ वर्ष में सेवानिवृत्त होते है। भारत की राजनीतिक व्यवस्था को, या सरकार जिस प्रकार बनती और चलती है, उसे संसदीय लोकतंत्र कहा जाता है। 

From the Roli Archives: The Indian Parliament under construction.

सन 1883 के चार्टर अधिनियम में पहली बार एक विधान परिषद के बीज दिखाई पड़े। 1853 के अंतिम चार्टर अधिनियम के द्वारा विधायी पार्षद शब्दों का प्रयोग किया गया। यह नयी कौंसिल शिकायतों की जांच करने वाली और उन्हें दूर करने का प्रयत्न करने वाली सभा जैसा रूप धारण करने लगी।  1857 की आजादी के लिए पहली लड़ाई के बाद 1861 का भारतीय कौंसिल अधिनियम बना। इस अधिनियम को ‘भारतीय विधानमंडल का प्रमुख घोषणा पत्र’ कहा गया। जिसके द्वारा ‘भारत में विधायी अधिकारों के अंतरण की प्रणाली’ का उद्घाटन हुआ। इस अधिनियम द्वारा केंद्रीय एवं प्रांतीय स्‍तरों पर विधान बनाने की व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए। अंग्रेजी राज के भारत में जमने के बाद पहली बार विधायी निकायों में गैर-सरकारी लोगों के रखने की बात को माना गया।


Share:

मेरी प्रिय कविता - सुमित्रा नंदन पन्त रचित "नारी"



मेरी प्रिय कविता - सुमित्रा नंदन पन्त रचित "नारी"

यदि स्वर्ग कहीं है पृथ्वी पर, तो वह नारी उर के भीतर,
दल पर दल खोल हृदय के अस्तर
जब बिठलाती प्रसन्न होकर
वह अमर प्रणय के शतदल पर!
मादकता जग में कहीं अगर, वह नारी अधरों में सुखकर,
क्षण में प्राणों की पीड़ा हर,
नव जीवन का दे सकती वर
वह अधरों पर धर मदिराधर।
यदि कहीं नरक है इस भू पर, तो वह भी नारी के अन्दर,
वासनावर्त में डाल प्रखर
वह अंध गर्त में चिर दुस्तर
नर को ढकेल सकती सत्वर!


Share:

GK TRICKS कवक से होने वाले रोग



TRICK-"गंजा दामाद खाए फ्रूट"
  1. गंजा-गंजापन
  2. दामा-दमा
  3. द-दाद
  4. खाए-खाज
  5. फ्रूट- हाथी पाँव(फुट) या एलीफीएन्टेसिस रोग


Share:

GK TRICK - प्रोटोजोआ द्वारा होने वाले रोग



TRICK-"कल आम पानी में पका"
  1. कल-काला अजार
  2. आम-अमिबी पेचिश
  3. पा-पायरिया
  4. नी-निद्रा रोग
  5. में-मलेरिया ज्वर
  6. पका-पेचिश 
  • नोट-सभी रोग प्रोटोजोअन से होते है।


Share:

GK TRICKS विषाणुओ द्वारा होने वाले रोग



TRICK-"रेखा हमे हिट करके पोएचे (पीछे) छोड़ गई"
  1. रे-रेबीज
  2. खा-खसरा
  3. ह-हर्पीस
  4. में-मेनिनजाईटिस
  5. हि-हिपेटाइटीस
  6. ट-ट्रेकोमा (पोथकी/रोहे) "करके-silent"
  7. पो-पोलियो
  8. ए-एड्स
  9. चे-चेचक (बड़ी माता)
  10. छो-छोटी माता
  11. ड-डेंगू ज्वर (पित्त ज्वर)
  12. ग-गलसोध (mumps)
  13. ई-इन्फ्लुन्ज़ा (स्वाइन फ्लू N1H1)


Share:

GK TRICKS - जीवाणुओ द्वारा होने वाले रोग



TRICK- "टिंकू सिडी में बनी है पटाका"
  1. टि- टिटेनस (धनुस्तम्भ), टि.बी. (क्षय/तपेदिक)
  2. कू-कुष्ट रोग (कोढ़)
  3. सि-सिफिलिस (फिरंग रोग)
  4. डी-डिप्थीरिया
  5. में-मेनिन जाइटीस
  6. ब-बोट्युलिस्म (भोजन विषाक्तता)
  7. नी-निमोनिया
  8. है-हैजा
  9. प-प्लेग
  10. टा-टायफाइड (मोतीझरा/मियादी बुखार)
  11. का-काली खांसी (कुक्कर खांसी)


Share:

TRICK गंगा नदी में मिलने वाली प्रमुख नदियाँ



"यशोदा को राम शा कंगन चाहिए"
  1. य-यमुना
  2. सो-सोन
  3. दा-दामोदर
  4. को-कोसी (नेपाल में सप्तकोसी और बिहार का शोक)
  5. रा-रामगंगा
  6. म-महानंदा
  7. शा-शारदा (काली गंगा)
  8. क-करनाली (घाघरा/कौरियाला)
  9. गन-गण्डक (नेपाल में शालिग्राम तथा मैदानी भाग में नारायणी)
  10. चाहिए- silent word...


Share:

मक्का काबा मे विराजित प्रसिद्ध मक्‍केश्‍वर महादेव शिवलिंग



काबा और भगवान शिव 
'काबा' अरब का प्राचीन मन्दिर है। जो मक्का शहर में है। विक्रम की प्रथम शताब्दी के आरम्भ में रोम के इतिहास लेखक 'द्यौद्रस् सलस्' लिखता है - यहाँ इस देश में एक मंदिर है, जो अरबों का अत्यंत पूजनीय है। इस कथन से इस बात को बल मिलता है कि काबा और भगवान शिव का कोई न कोई प्राचीन जुड़ाव जरूर है। पूरा विश्व आज काबा का सच को जानने को उत्सुक है किंतु वर्तमान परिदृश्य में काबा में गैर-इस्लामिक या कहे कि गैर मुस्लिम का जाना प्रतिबंधित है इस कारण काबा के अंदर क्या है और इसके पीछे सच का बहुत खुलासा आज तक नहीं हो पाया है।
क्या मक्का पहले मक्केश्वर महादेव शिवलिंग था 
क्या मक्का पहले मक्केश्वर महादेव शिवलिंग था
मक्का मदीना का सच 
मक्का मदीना का सच
makkeshwar shivling (मक्केश्वर शिवलिंग)
Makkeshwar Shivling मक्केश्वर शिवलिंग Makka Madina Shivling

इस्लामिक मान्यता से इतर काबा शरीफ का इतिहास
संपूर्ण विश्व क्या भारत के लोग ही यह कटु सत्य स्वीकार नहीं कर सकते कि इस्लाम ने हिन्दू की आस्था माने जाने वाले असंख्य मंदिर तोड़े है और उनके स्थान पर उसी मंदिर के अवशेष से मस्जिदों को निर्माण करवाया। मक्का का इतिहास के बारे इसी बात से पता चलता है कि इस्लामिक विध्वंसक गतिविधियाँ इतनी प्रचंडता के साथ की जाती थी कि तक्षशिला विश्वविद्यालय और सोमनाथ मंदिर विध्वंस किये गये, तो भारत से हजारों किलो मीटर दूर काबा और मक्‍का मे क्या हुआ होगा, इसके बारे में कह पाना बिना अध्ययन के बहुत उचित नहीं होगा।

इस्लाम नींव इस आधार पर रखी गई कि दूसरों के धर्म का अनादर करने और उनको नेस्तनाबूत और पवित्र स्थलों को खंडित कर वहाँ मस्जिद और मकबरे का निर्माण किया जाए। इस काम बाधा डालने वाले जो लोग भी सामने आये उन लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाये। भले ही वे लोग मुस्लिमों को परेशान न करते हो। मुहम्मद साहब और मुसलमानों के हमले से मक्का और मदीना के आस पास का पूरा इतिहास बदल दिया गया। इस्लाम एक तलवार पे बना धर्म था है और रहेगा और इसका अंत भी उस से ही होगा किंतु पी एन ओक ने सिद्ध कर दिया है मक्केश्वर शिवलिंग ही हजे अस्वद है। मुसलमानों के सबसे बड़े तीर्थ मक्का मक्केश्वर महादेव का मंदिर था। वहां काले पत्थर का विशाल शिवलिंग था जो खंडित अवस्था में अब भी वहां है। हज के समय संगे अस्वद (संग अर्थात पत्थर, अस्वद अर्थात अश्वेत यानी काला) कहकर मुसलमान उसे ही पूजते और चूमते हैं।

काबा में शिव और मक्का मदीना का रहस्य
द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का मानना है कि मक्का में मक्केश्वर महादेव मंदिर है। मुहम्मद साहब भी शैव थे, इसलिए वे मक्केश्वर महादेव को मानते थे। एक बार वहां लोगों ने बुद्ध की मूर्ति लगा थी, वह इसके बहुत विरोधी थें। अरब में मुहम्मद पैगम्बर से पूर्व शिवलिंग को 'लात' कहा जाता था। मक्का के काबा में जिस काले पत्थर की उपासना की जाती रही है, भविष्य पुराण में उसका उल्लेख मक्केश्वर के रूप में हुआ है। इस्लाम के प्रसार से पहले इजराइल और अन्य यहूदियों द्वारा इसकी पूजा किए जाने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। इराक और सीरिया में सुबी नाम से एक जाति थी यही साबिईन है। इन साबिईन को अरब के लोग बहुदेववादी मानते थे। कहते हैं कि साबिईन अर्थात नूह की कौम। माना जाता है कि भारतीय मूल के लोग बहुत बड़ी संख्या में यमन में आबाद थे, जहां आज भी श्याम और हिन्द नामक किले मौजूद हैं। विद्वानों के अनुसार सऊदी अरब के मक्का में जो काबा है, वहां कभी प्राचीन काल में 'मुक्तेश्वर' नामक एक शिवलिंग था जिसे बाद में 'मक्केश्वर' कहा जाने लगा।
अरब के मक्का नामक स्थान पर स्थित है 'मक्केश्वर लिंग' (मक्केश्वर महादेव)
अरब के मक्का नामक स्थान पर स्थित है 'मक्केश्वर लिंग' (मक्केश्वर महादेव)
मक्का के गेट पर साफ-साफ लिखा था कि काफिरों का अंदर जाना गैर-कानूनी है। कहा जा रहा है अब इस बोर्ड को उतार दिया गया है और लिख दिया है नॉन-मुस्लिम्स का अंदर जाना माना है। इसका मतलब है कि ईसाई, जैनी या बौद्ध धर्म को भी मानने वाले इसके अंदर नहीं जा सकते हैं।
मक्का के गेट पर साफ-साफ लिखा था कि काफिरों का अंदर जाना गैर-कानूनी है। कहा जा रहा है अब इस बोर्ड को उतार दिया गया है और लिख दिया है नॉन-मुस्लिम्स का अंदर जाना माना है। इसका मतलब है कि ईसाई, जैनी या बौद्ध धर्म को भी मानने वाले इसके अंदर नहीं जा सकते हैं।

मक्का के गेट पर साफ-साफ लिखा था कि काफिरों का अंदर जाना गैरकानूनी है। कहा जा रहा है अब इस बोर्ड को उतार दिया गया है और लिख दिया है नॉन-मुस्लिम्स का अंदर जाना माना है। इसका मतलब है कि ईसाई, जैनी या बौद्ध धर्म को भी मानने वाले इसके अंदर नहीं जा सकते हैं। मक्का मदीना के शिवलिंग का रहस्य क्‍या है इसे इस्लाम पंथियों द्वारा सदा से छिपाया जा रहा है।

मुसलमानों के पैगम्बर मुहम्मद एक ऐसे विध्वंसक गिरोह का नेतृत्व करते थे जो धन और वासना के पुजारी थे। मोहम्मद ने मदीना से मक्का के शांतिप्रिय मूर्तिपूजकों पर हमला किया और जबरदस्त नरसंहार किया। मक्का का मदीना के अपना अलग अस्तित्व था किन्तु मुहम्मद साहब के हमले के बाद मक्का मदीना को एक साथ जोड़कर देखा जाने लगा। जबकि मक्का के लोग जो कि शिव के उपासक माने जाते है। मुहम्मद की टोली ने मक्का में स्थापित कर वहां पे स्थापित की हुई 360 में से 359 मूर्तियाँ नष्ट कर दी और सिर्फ काला पत्थर सुरक्षित रखा जिसको आज भी मुस्लिमों द्वारा पूजा जाता है। उसके अलावा अल-उज्जा, अल-लात और मनात नाम की तीन देवियों के मंदिरों को नष्ट करने का आदेश भी मुहम्मद ने दिया और आज उन मंदिरों का नामों निशान नहीं है (हिशम इब्न अल-कलबी, 25-26)। इतिहास में यह किसी हिन्दू मंदिर पर सबसे पहला इस्लामिक आतंकवादी हमला था। उस काले पत्थर की तरफ आज भी मुस्लिम श्रद्धालु अपना शीश जुकाते है। किसी हिंदू पूजा के दौरान बिना सिला हुआ वस्त्र या धोती पहनते हैं, उसी तरह हज के दौरान भी बिना सिला हुआ सफेद सूती कपड़ा ही पहना जाता है।
मक्‍का मे विराजित प्रसिद्ध मक्‍केश्‍वर महादेव शिवलिंग
जिस प्रकार हिंदुओं की मान्यता होती है कि गंगा का पानी शुद्ध होता है ठीक उसी प्रकार मुस्लिम भी अबे जम-जम के पानी को पाक मानते हैं। जिस तरह हिंदू गंगा स्नान के बाद इसके पानी को भरकर अपने घर लाते हैं ठीक उसी प्रकार मुस्लिम भी मक्का के आबे जम-जम का पानी भर कर अपने घर ले जाते हैं। ये भी एक समानता है कि गंगा को मुस्लिम भी पाक मानते हैं और इसकी आराधना किसी न किसी रूप में जरूर करते हैं।

जिस प्रकार हिंदुओं की मान्यता होती है कि गंगा का पानी शुद्ध होता है ठीक उसी प्रकार मुस्लिम भी अबे जम-जम के पानी को पाक मानते हैं। जिस तरह हिंदू गंगा स्नान के बाद इसके पानी को भरकर अपने घर लाते हैं ठीक उसी प्रकार मुस्लिम भी मक्का के आबे जम-जम का पानी भर कर अपने घर ले जाते हैं। ये भी एक समानता है कि गंगा को मुस्लिम भी पाक मानते हैं और इसकी आराधना किसी न किसी रूप में जरूर करते हैं।

मक्का मदीना का सच
मुसलमानों के सबसे बड़े तीर्थ मक्का मक्केश्वर महादेव का मंदिर था। वहां काले पत्थर का विशाल शिवलिंग था जो खंडित अवस्था में अब भी वहां है। हज के समय संगे अस्वद (संग अर्थात पत्थर, अस्वद अर्थात अश्वेत यानी काला) कहकर मुसलमान उसे ही पूजते और चूमते हैं। इस सम्बन्ध में प्रख्यात प्रसिद्ध इतिहासकार स्व0 पी.एन.ओक ने अपनी पुस्तक ‘वैदिक विश्व राष्ट्र का इतिहास’ में समझाया है कि मक्का और उस इलाके में इस्लाम के आने से पहले से मूर्ति पूजा होती थी। हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर थे, गहन रिसर्च के बाद उन्होंने यह भी दावा किया कि काबा में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग है। पैगंबर मुहम्मद ने हमला कर मक्का की मूर्तियां तोड़ी थीं। यूनान और भारत में बहुतायत में मूर्ति पूजा की जाती रही है, पूर्व में इन दोनों ही देशों की सभ्यताओं का दूरस्थ इलाकों पर प्रभाव था। ऐसे में दोनों ही इलाकों के कुछ विद्वान काबा में मूर्ति पूजा होने का तर्क देते हैं। हज करने वाले लोग काबा के पूर्वी कोने पर जड़े हुए एक काले पत्थर के दर्शन को पवित्र मानते हैं जो कि हिन्दूओं का पवित्र शिवलिंग है। वास्तव में इस्लाम से पहले मिडिल-ईस्ट में पीगन जनजाति रहती थी और वह हिंदू रीति-रिवाज को ही मानती थी।
 काबा के अंदर क्या है
काबा और भगवान शिव
मक्का शिव मंदिर
मक्‍केश्‍वर महादेव शिव
एक प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार है कि काबा में “पवित्र गंगा” है। जिसका निर्माण महापंडित रावण ने किया था, रावण शिव भक्त था वह शिव के साथ गंगा और चंद्रमा के महात्मा को समझता था और यह जानता था कि कभी शिव को गंगा से अलग नहीं किया जा सकता। जहाँ भी शिव होंगे, पवित्र गंगा की अवधारणा निश्चित ही मौजूद होती है। काबा के पास भी एक पवित्र झरना पाया जाता है, इसका पानी भी पवित्र माना जाता है। इस्लामिक काल से पहले भी इसे पवित्र (आबे ज़म-ज़म) ही माना जाता था। रावण की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने रावण को एक शिवलिंग प्रदान किया जिसे लंका में स्थापित करने का कहा और बाद जब रावण आकाश मार्ग से लंका की ओर जाता है पर रास्ते में कुछ ऐसे हालत बनते हैं की रावण को शिवलिंग धरती पर रखना पड़ता है। वह दोबारा शिवलिंग को उठाने की कोशिश करता है पर खूब प्रयत्न करने पर भी लिंग उस स्थान से हिलता नहीं। वेंकटेश पंडित के अनुसार यह स्थान वर्तमान में सऊदी अरब के मक्का नामक स्थान पर स्थित है। सऊदी अरब के पास ही यमन नामक राज्य भी है जहाँ श्री कृष्ण ने कालयवन नामक राक्षस का विनाश किया था। जिसका जिक्र श्रीमदभगवत पुराण में भी आता है।
मक्का मदीना की फोटो जिसमें मक्केश्वर महादेव है
मक्का मदीना की फोटो जिसमें मक्केश्वर महादेव है
पहले राजा भोज ने मक्का में जाकर वहां स्थित प्रसिद्ध शिव लिंग मक्केश्वर महादेव का पूजन किया था, इसका वर्णन भविष्य-पुराण में निम्न प्रकार है :-
"नृपश्चैवमहादेवं मरुस्थल निवासिनं !
गंगाजलैश्च संस्नाप्य पंचगव्य समन्विते :
चंद्नादीभीराम्भ्यचर्य तुष्टाव मनसा हरम !
इतिश्रुत्वा स्वयं देव: शब्दमाह नृपाय तं!
गन्तव्यम भोज राजेन महाकालेश्वर स्थले !! "

चित्रों की प्रमाणिकता में शिव लिंग और मक्का
मक्का स्थित प्रचीन शिव लिंग


 मक्का की आन्तरिक संरचना और भगवान शिव लिंग
अन्य महत्वपूर्ण लेख


Share:

जड़ी बूटी ब्राह्मी - एक औषधीय पौधा



जड़ी बूटी ब्राह्मी - एक औषधीय पौधा
ब्राह्मी एक परिचय (Brahmi An Introduction) - ब्राह्मी का एक पौधा होता है जो भूमि पर फैलकर बड़ा होता है। इसके तने और पत्तियॉं मुलामय, गूदेदार और फूल सफेद होते है। ब्राह्मी हरे और सफेद रंग की होती है। इसका स्वाद फीका होता है और इसकी तासीर शीतल होती है। ब्राह्मी का पौधा पूरी तरह से औषधीय है। यह पौधा भूमि पर फैलकर बड़ा होता है। इसके तने और पत्तियां मुलायम, गूदेदार और फूल सफेद होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी है। ब्राह्मी के फूल छोटे, सफेद, नीले और गुलाबी रंग के होते हैं। -यह पौधा नम स्‍थानों में पाया जाता है, तथा मुख्‍यत: भारत ही इसकी उपज भूमि है। इसे भारत वर्ष में विभिन्‍न नामों से जाना जाता है जैसे हिन्‍दी में सफेद चमनी, संस्‍कृत में सौम्‍यलता, मलयालम में वर्ण, नीरब्राम्‍ही, मराठी में घोल, गुजराती में जल ब्राह्मी, जल नेवरी आद‍ि तथा इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी(Bacapa monnieri) है। इस पौधे में हायड्रोकोटिलिन नामक क्षाराभ और एशियाटिकोसाइड नामक ग्लाइकोसाइड पाया जाता है।यह पूर्ण रूपेण औषधी पौधा है। ब्राह्मी कब्‍ज को दूर करती है। इसके पत्‍ते के रस को पेट्रोल के साथ मिलाकर लगाने से गठिया दूर होता है। ब्राह्मी में रक्‍त शुद्ध करने के गुण भी पाये जाते है। यह हृदय के लिये भी पौष्टिक होता है। ब्राह्मी को यह नाम उसके बुद्धिवर्धक होने के गुण के कारण दिया गया है। इसे जलनिम्ब भी कहते हैं क्योंकि यह प्रधानतः जलासन्न भूमि में पाई जाती है। आयुर्वेद में इसका बहुत बड़ा नाम है।
औषधीय गुण - यह पूर्ण रूपेण औषधी पौधा है। यह औषधि नाडि़यों के लिये पौष्टिक होती है।
  • दिल का दोस्त (Heart Friendly) - ब्राह्मी बुद्धि और उम्र को बढ़ाती है। यह रसायन के समान होती है। यह बुखार को खत्म करती है, याददाश्त को बढ़ाती है। सफेद दाग, पीलिया, खून की खराबी को दूर करती है। खांसी, पित्त और सूजन को रोकती है। यह मानसिक रोगों में भी लाभकारी है और दिल के लिए भी फायदेमंद। ब्राह्मी को यह नाम उसके बुद्धिवर्धक होने के गुण के कारण दिया गया है। इसे जलनिम्ब भी कहते हैं, क्योंकि यह प्रधानत: जलासन्न भूमि में पाई जाती है। ब्राह्मी में रक्तशोधक गुण भी पाये जाते हैं। यह हृदय के लिए भी पौष्टिक होती है।
  • कार्य क्षमता संवर्धक (Work Capacity Extenders)- ब्राह्मी के पौधे के सभी भाग उपयोगी होते हैं। जहां तक हो सके ब्राह्मी को ताजा ही प्रयोग करना चाहिए। ब्राह्मी का प्रभाव मुख्यत: मस्तिष्क पर पड़ता है। यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक है ही, उसे शान्ति भी देती है। लगातार मानसिक कार्य करने से थकान हो जाने पर जब व्यक्ति की कार्यक्षमता घट जाती है तो ब्राह्मी के उपयोग से आश्चर्यजनक लाभ होता है।
  • स्मृति बढ़ाए (Memory Enhancer)- मिर्गी के दौरों तथा उन्माद में भी ब्राह्मी बहुत लाभकारी होती है।सही मात्रा में इसका सेवन करने से याददाश्त दुरुस्त होती है। अल्पमंदता में ब्राह्मी का रस या चूर्ण पानी या मिसरी के साथ रोगी को दिया जाना चाहिए।ब्राह्मी के तेल की मालिश से मस्तिष्क की दुर्बलता तथा खुश्की दूर होती है तथा बुद्धि बढ़ती है।बच्चों को खांसी या छोटी उम्र में क्षयरोग होने पर छाती पर इसका गर्म लेप करना चाहिए, लाभ होता है। 200 ग्राम शंखपुष्पी के पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ते) के चूर्ण में इतनी ही मात्रा में मिश्री और 30 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीस लें। इसे एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम प्रतिदिन 1 कप दूध के साथ सेवन करते रहने से स्मरण शक्ति (दिमागी ताकत) बढ़ जाती है।
  • कब्ज और गठिया में फायदेमंद (Beneficial in Arthritis and Constipation) - यह कई तरह के रोगों में फायदेमंद साबित होती है। यह कब्ज को दूर करती है। इसके पत्ते के रस को पेट्रोल के साथ मिलाकर लगाने से गठिया दूर होती है। 10 से 20 मिलीलीटर शंखपुष्पी के रस को लेने से शौच साफ आती हैं। प्रतिदिन सुबह और शाम को 3 से 6 ग्राम शंखपुष्पी की जड़ का सेवन करने से कब्ज (पेट की गैस) दूर हो जाती है।
ब्राह्मी के अन्य औषधीय उपयोग

ब्राह्मी के अन्य औषधीय उपयोग
  • ब्राह्मी में रक्‍त शुद्ध करने के गुण भी पाये जाते है।यह हृदय के लिये भी पौष्टिक होता है।यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक है ही, उसे शान्ति भी देती है।
  • लगातार मानसिक कार्य करने से थकान हो जाने पर जब व्यक्ति की कार्यक्षमता घट जाती है तो ब्राह्मी के उपयोग से आश्चर्यजनक लाभ होता है।
  • ब्राह्मी और बादाम की गिरी की एक भाग ,काली मिर्च का चार भाग लेकर इनको पानी में घोटकर छोटी- छोटी गोली बनाकर एक-एक गोली नियमित रूप से दूध के साथ सेवन करने पर दिमाग की स्फूर्ति बनी रहती है।
  • ब्राह्मी 2.5 ग्राम, शंखपुष्पी -2.5 ग्राम ,बादाम क़ी गिरी पांच ग्राम, छोटी इलायची का पाउडर -2.5 ग्राम, इन सब को पानी में अच्छी तरह घोलकर छान लें और मिश्री मिलाकर सुबह शाम आधा से एक गिलास पीएं...इससे खांसी, बुखार में लाभ तो मिलता ही है साथ ही स्मरण शक्ति भी तीव्र होती है।
  • नींद न आने क़ी समस्या है तो आप ब्राह्मी का ताजा रस निकाल लें और इसे आधा लीटर गाय के कच्चे दूध में मिला लें और सात दिनों तक नियमित सेवन कर के देखें, आप तनावमुक्त होकर अच्छी नींद लेने लग जाएंगे।
  • ब्राह्मी के पांच मिलीग्राम स्वरस को 2.5 ग्राम कूठ के पाउडर और शहद के साथ सात दिनों तक सेवन कराने से पागलपन की बीमारी में भी लाभ मिलता है।
  • ब्राह्मी की ताजी पत्तियों का रस, बालवचा, शंखपुष्पी और कूठ को समान मात्रा में लेकर पुराने गाय के घी के साथ लगातार लेने से भी मानसिक रोगों में लाभ मिलता है।
  • यदि आपको बालों से सम्बंधित कोई समस्या है जैसे बाल झड़ रहे हों तो परेशान न हों बस ब्राह्मी के पांच अंगों का यानी पंचाग का चूर्ण लेकर एक चम्मच की मात्रा में लें और लाभ देखें।
  • बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए सौ ग्राम की मात्रा में ब्राह्मी, पचास ग्राम की मात्रा में शंखपुष्पी के साथ चार गुना पानी मिलाकर इसका अर्क निकाल लें और नियमित प्रयोग करें। बस ध्यान रहे कि खट्टी चीजें न खाएं आपको जल्द ही फायदा होगा।
  • यदि पेशाब में तकलीफ हो या पेशाब रूक रहा हो तो बस ब्राह्मी के दो चम्मच स्वरस में मिश्री मिलाकर दें। इससे पेशाब खुल कर आएगा।
  • यदि उच्च रक्तचाप का कोई विशेष कारण न हो तो ब्राह्मी की ताजी पत्तियों का स्वरस 2.5 मिलीग्राम मात्रा में शहद लेकर सेवन करें, इससे भी रक्तचाप नियंत्रित रहेगा। ये हैं इसके कुछ सामान्य नुस्खें, इसके अलावा भी ब्राह्मी का कई रोगों में उपयोग किया जा सकता है ।
  • यह बहुपयोगी नर्व टॉनिक है जो मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है । यह कमज़ोर स्मरण शक्ति वालों तथा दिमागी काम करने वालों के लिए विशेष लाभकारी है।
  • ब्राह्मी का पावडर अल्प मात्रा में (२ ग्राम) दूध में मिलाकर छानकर लेने से अनिद्रा के रोग में फायदा होता है।
  • ब्राह्मी का शरबत उन्माद रोग में लाभकारी होता है तथा गर्मियों में दिमाग को ठंडक प्रदान करता है। 4. शहद के साथ इसके पत्तों का रस प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है।
  • बच्चों में दस्त लगने पर तीन अथवा चार पत्तियां जीरा तथा चीनी के साथ मिलाकर देने से तथा इसके पेस्ट को नाभि के चारों ओर लगाने से आराम मिलता है।
  • त्वचा सम्बन्धी विकारों जैसे एक्जीमा तथा फोड़े फुंसियों पर इसकी पत्तियों के चूर्ण को लगाने से फायदा होता है।
  • हाथीपाँव की शिकायत में सूजे हुए अंग पर इस पौधे के तने तथा पत्तियों का रस लगाने से सूजन कम करने में मदद मिलती है।
  • चटनी बनाते समय ब्राह्मी के कुछ पत्ते चटनी में डाल कर इसका लाभ उठाया जा सकता है।
  • रहमी को वास्तु की दृष्टि से भी महत्पूर्ण माना जाता है। जिस घर में ब्रहमी का पेड़ लगा होता है, उस परिवार के बच्चों की स्मरण शक्ति अच्छी होती है और घर में अचानक दुर्घटना होने की आशंका भी नहीं रहती है।
इन्हें भी पढिये


Share: