बंता: मेरी बीवी मुझे छोड़ के चली गई।
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यह मुस्लिम नेता रोषपूर्वक अपने को सौ प्रतिशत भारतीय होने का दावा करते है। साथ ही साथ काश्मीर पर पाकिस्तान के दावे के पक्ष में तर्क देते सुने जाते है। आसाम में पाकिस्तानी काश्मीर घुसपैठियों को भारतीय मुसलमान मुस्लिम सिद्ध करते दिखाई देते है। कहने को उनका हिन्दुओं से कोई मनोमालिन्य नही किन्तु साथ ही साथ यह फतवा भी जारी करते है कि नेहरू के मृत्योंपरानत उनके शव के पास कुरान का पाठ इस्लाम के विरूद्ध है क्योकि काफिर के शव पर कुरान नही पढ़ी जा सकती। वह जाकिर हुसैन को भारत का राष्ट्रपति तो देखना चाहते है किन्तु अच्छा मुसलमान होने के नाते उनके हिन्दु में शपथ और शंकराचार्य से आशीर्वाद लेने प आपत्ति करते है।
प्रस्तुत वाक्य हामिद दलवई के है जो मुस्लिम पॉलिटिक्स इन सेक्युलर इंडिया, पृ. 47 से उद्धृत है। इस वाक्य से मुसलिम नेतृत्व की का सही रूप सामने दिखता है। जो नेहरू की मृत्यु से लेकर आज तक की सत्ता सर्घष में हावी है। यह कांग्रेस उसी मुसलिम कौम को उठाने का असफल प्रयास कर रही है जो अपनी रूढि़ विचारों से कभी नही उठ सकती है। सोनिया को लगता है कि वह 18 प्रतिशत मुसलमानों के बल पर वह चुनाव जीत लेगी तो यह उनकी सबसे बड़ी राजनैतिक अपरपिक्वता की निशानी है, वह दिन दूर नही जब राष्ट्रवाद का स्वाभिमान जागृत होगा और देश में राष्ट्रवाद के नेतृत्व की सरकार आयेगी। और तब देश में न सिर्फ मुसलमान उन्नति करेगा अपितु पूरा देश उन्नति करेगा। जरूरत है उग्रता को सोंटा दिखने और सही मार्ग पर ले चलने की। क्योकि कहा गया है - भय बिन प्रीत न होत गुंसाई।
ब्रह्मचर्यासन - प्राय: भोजन के बाद योगासन नहीं किये जाते किन्तु कुछ आसन ऐसे भी होते हैं जो भोजन के बाद भी किये जाते हैं। ऐसे ही आसनों में से एक है ब्रह्मचर्यासन। इस आसन को रात्रि-भोजन के बाद सोने से पहले करने से विशेष लाभ होता है। इस आसन को नियमित से करने के ब्रह्मचर्य-पालन में सहायता मिलती है जिससे अखंड ब्रह्मचर्य की सिद्धि होती है। यह आसन ब्रह्मचर्य की साधना के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए इस आसन को ब्रह्मचर्यासन का नाम दिया गया है। इस आसन से मानसिक संतुलन बनाकर मन को शांति प्रदान की जा सकती है। ब्रह्मचारी साधना का अनुपालन करने के लिए ब्रह्मचारी लोग इस आसन को लगाते है।
ब्रह्मचर्यासन की विधि Brahmacharyasana ki Vidhi
समतल भूमि पर दरी या कम्बल बिछाकर बैठ जाएं। अब दोनों पैरों के बीच में अंतर रखते हुए सामने की तरफ फैला दें। इसके बाद बाएं पैर को घुटने से मोड़कर शरीर की ओर खींच ले और दाहिने पैर की जंघा के पास रखें। अब बाएं पैर की एड़ी से दबाव बनाकर पैर के तलवे को जांघ से सटाकर अंगूठे व उंगलियों को दाहिने पैर के घुटने से दबा दें। अब दाहिने पैर को भी इसी तरह से मोड़कर बाएं पैर की जंघा और घुटने के बीच रखे ताकि एड़ी बायीं पैर की जंघा संधि पर दबाव बनाए तथा अंगूठे व उंगलियों के बीच आ जाएं। धड़ को सीधा और आराम की अवस्था में रखें। दोनों हाथों को सीधे फैलाकर घुटनों पर रख दें और हथेलियां खुली हुई व सीधी होनी चाहिए। तर्जनी उंगली और अंगूठा एक दूसरे से स्पर्श करते हुए रहने चाहिए।
ब्रह्मचर्यासन के लाभ : Brahmacharyasana ke Fayde / Benefits in hindi
Brahmacharyasana Yoga Mudra Health Benefits
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